शुभ दीपावली 2025

दीपावली सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा की विजय का संदेश है। यह त्योहार हमारे जीवन में सकारात्मकता, नई शुरुआत और मिलनसारिता का भाव जगाता है। दीयों की रौशनी की तरह यह हमें अंदरूनी उजाले की भी प्रेरणा देता है।

दिवाली का महत्त्व

मान्यता है, भगवान श्रीराम वनवास पूर्ण कर इसी दिन अयोध्या लौटे थे। मां लक्ष्मी इसी दिन समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। इसे भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। सिख परंपरा में गुरु हरगोविंद जी की रिहाई इसी दिन हुई थी।

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धनतेरस पूजा मुहूर्तधनतेरस पूजा मुहूर्त

18 अक्टूबर शनिवार को दिन में 1 :20 से 19 अक्टूबर रविवार को दिन में 1 बजकर 54 मिनट के पूर्व तक

छोटी दिवाली पूजा मुहूर्तछोटी दिवाली पूजा मुहूर्त

रात 11 बजकर 41 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक

दिवाली पूजा मुहूर्तदिवाली पूजा मुहूर्त

शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक

लक्ष्मी जी का मंत्र

  • लक्ष्मी जी का मंत्र

    ॐ महालक्ष्म्यै नमः नमः ॐ विष्णुप्रियायै नमः नमः ॐ धनप्रदायै नमः नमः ॐ विश्वजनन्यै नमः नमः

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दिवाली से संबंधित आपके सभी सवालों के जवाब

थलाई दिवाली का रिवाज भारत के कौन से राज्य में है?

भारत के तमिलनाडू राज्य में थलाई दिवाली का रिवाज है. यहां इसे थलाई दीपावली के नाम से जाना जाता है. यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है, जो आमतौर अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है. इस दिन, लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और उसे लाइट्स में सजाते हैं.

दिवाली 2025 कब है?

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