सीमा विवाद पर अमित शाह बोले-एक इंच जमीन भी कहीं जाने नहीं देंगे, सवाल करने से पहले इतिहास पढ़े विपक्ष

Times now Summit 2022 : चीन के साथ सीमा विवाद पर गृह मंत्री ने कहा कि बीजिंग के साथ सीमा विवाद का मसला आज का नहीं बल्कि यह वर्षों पुराना है। यह विवाद जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है। कांग्रेस को घेरते हुए अमित शाह ने कहा कि यह सवाल वे लोग उठा रहे हैं जिनके समय में देश की एक लाख एकड़ से ज्यादा जमीन चली गई।

amit shah and navika

टाइम्स नाउ समिट 2022 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह।

Times Now Summit 2022 : चीन के साथ सीमा विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि भारत एक सार्वभौम राष्ट्र है। देश की नरेंद्र मोदी सरकार सरहदों की सुरक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मोदी सरकार देश की एक इंच जमीन भी दूसरे के कब्जे में नहीं जाने देगी। टाइम्स नाउ समिट 2022 के पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री ने ये बातें टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ बातचीत में कहीं। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि सवाल उठाने वालों को पहले इतिहास पढ़ना चाहिए।

चीन के साथ सीमा विवाद वर्षों पुराना है-गृह मंत्री

चीन के साथ सीमा विवाद पर गृह मंत्री ने कहा कि बीजिंग के साथ सीमा विवाद का मसला आज का नहीं बल्कि यह वर्षों पुराना है। यह विवाद जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है। कांग्रेस को घेरते हुए अमित शाह ने कहा कि यह सवाल वे लोग उठा रहे हैं जिनके समय में देश की एक लाख एकड़ से ज्यादा जमीन चली गई। इन लोगों को इतिहास पढ़ना चाहिए। हम देश की जनता से वादा करते हैं कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, हमारी एक इंच जमीन भी किसी के कब्जे में नहीं जा सकती।

दो दिनों तक चलने वाले समिट के पहले दिन गृह मंत्री ने मोदी सरकार की उपलब्धियों, श्रद्धा मर्डर केस, विधानसभा चुनाव, अर्थव्यवस्था, लोकतंत्र, मुफ्त की रेवड़ी, धर्मांतरण, यूसीसी, सीएए सहित कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।

यूसीसी को हम लागू करेंगे-शाह

यूसीसी के बारे में शाह ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड जनसंघ के समय से भाजपा का मुद्धा है। इसको लेकर संविधान सभा में बहस के दौरान स्पष्ट राय थी। लेकिन भाजपा के अलावा कोई पार्टी इसका समर्थन साफ-साफ नहीं करती है। कुछ विरोध करते हैं तो कुछ चुप रहते हैं। इस पूरे मामले पर स्वस्थ और खुली बहस की जरूरत है। भाजपा के शासन वाले हिमाचल, उत्तराखंड, गुजरात राज्य में हमने पैनल बनाया है। जिसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज सहित सभी धर्म और दूसरे संबंधित लोग शामिल हैं। उनकी सिफारिशों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

क्या धर्मांतरण कानून की जरूरत है?

गृह मंत्री का कहना है कि जहां-जहां भाजपा की सरकार है, हमने धर्मांतरण कानून बनाए हैं। राज्यों की विधानमंडल इस पर विचार करे। जहां तक राष्ट्रीय कानून की बात है तो यह ग्रे एरिया है। इसकी व्याख्या करना होगी कि राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाया जा सकता है या नहीं। लेकिन श्रद्धा मर्डर मामले में देश की जनता को यह भरोसा दिलाता हूं कि जो भी व्यक्ति इसके लिए दोषी है, उसे अदालत द्वारा कम से कम समय में कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

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