यह बिहार है...बिना बेहोश किए कर दी महिलाओं की नसबंदी, दर्द से तड़पती रहीं औरतें, सर्जरी के बाद दी एनेस्थीसिया

Khagaria news : सर्जरी के दौरान भयानक दर्द से गुजरने वाली महिलाओं की शिकायत सामने आने के बाद खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने जांच के आदेश दिए हैं। नसबंदी से पहले लोकल एनेस्थीसीया लगाना सरकारी अस्पतालों के एसओपी में शामिल है लेकिन इसका पालन नहीं हुआ।

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बिहार के खगड़िया में डॉक्टरों की घोर लापरवाही सामने आई है।

मुख्य बातें
  • खगड़िया के दो सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की बड़ी एवं घोर लापरवाही सामने आई
  • करीब दो दर्जन महिलाओं को बिना बेहोश किए डॉक्टरों ने उनकी नसबंदी कर दी
  • हैरान करने वाली बात है कि जो लोकल एनेस्थीसिया पहली दी जाने थी उसे बाद में दिया

Khagaria news : बिहार के खगड़िया में डॉक्टरों की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां के दो सरकारी अस्पतालों में बिना बेहोश किए करीब 24 महिलाओं की नसबंदी कर दी गई। डॉक्टरों को पता था कि बिना लोकल एनेस्थीसिया लगाए सर्जरी करने पर उन्हें भयानक दर्द होगा लेकिन ऑपरेशन से पहले उन्होंने बेहोशी का इंजेक्शन नहीं लगाया। सर्जरी के दौरान ऑपरेशन टेबल पर महिलाएं होश में रहीं और दर्द से तड़पती रहीं। इस सर्जरी में डॉक्टरों की घोर लापरवाही उजागर हुई है।

जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए

सर्जरी के दौरान भयानक दर्द से गुजरने वाली महिलाओं की शिकायत सामने आने के बाद खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने जांच के आदेश दिए हैं। नसबंदी से पहले लोकल एनेस्थीसीया लगाना सरकारी अस्पतालों के एसओपी में शामिल है लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। डॉक्टरों की लापरवाही के इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। सर्जरी से गुजरने वाली महिला पी कुमारी ने कहा कि इस मामले में डॉक्टरों ने लापरवाही की। ऑपरेशन के दौरान हमें एनेस्थीसिया नहीं लगाई गई। इसे सर्जरी के बाद लगाया गया। वहीं, सिविल सर्जन डॉक्टर ए झा का कहना है कि यह जांच का विषय है। जांच पूरी होने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

मेरे हाथ-पैर चार लोगों ने पकड़ रखे थे

पी. कुमारी ने कहा, 'सर्जरी के दौरान मैं दर्द से चीख रही थी। ऑपरेशन जब हो रहा था तो मेरे हाथ और पैर को चार लोगों ने पकड़ रखा था। सर्जरी के बाद मुझे एक इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद मैं सुन्न पड़ गई।' टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य महिला ने कहा कि डॉक्टर जब सर्जरी कर रहे थे तो वह पूरे होशो-हवाश में थी। अपनी शिकायत में महिला ने कहा, 'मेरे शरीर से जब ब्लेड का संपर्क हुआ तो मैंने काफी दर्द महसूस किया।'

एनजीओ को ब्लैकलिस्ट किया

ये 24 पीड़ित महिलाएं 54 औरतों के उस समूह का हिस्सा हैं जिनकी सर्जरी हुई। जिलाधिकारी घोष ने कहा कि उन्होंने सिविल सर्जन को इस मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। वहीं, सिविल सर्जन झा ने दोनों स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा, 'मामले में सख्त कार्रवाई और जिम्मेदारी तय की जाएगी।' अलौली स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि शिकायत के बाद उन्होंने नसबंदी के लिए महिलाओं को लाने वाले एनजीओ को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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