कराची: तंगहाली से गुजर रहे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए एक राहत की खबर आई है। पाकिस्तान सुपर लीग ने पीसीबी के लिए कुबेर का खजाना खोल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पीसीबी को पीएसएल के इस साल जनवरी-फरवरी की शुरुआत में आयोजित सातवें संस्करण के जरिए 2.3 अरब पाकिस्तानी रुपये (1,19,20,186 अमेरिकी डॉलर) का मुनाफा हुआ है।
2.3 अरब पाकिस्तानी रुपये की हुई कमाई
पीसीबी के आधिकारिक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि बोर्ड को पीएसएल से करीब 2.3 अरब पाकिस्तानी रुपये (लगभग 100 करोड़ भारतीय रुपये) का लाभ हुआ है। उन्होंने इस बारे में कहा, 'मैं स्पष्टता से बताता हूं कि यह पीसीबी का शुद्ध लाभ है और जिन छह फ्रेंचाइजी ने पीएसएल में हिस्सा लिया था, उनका मुनाफा अलग है।' लेकिन उन्होंने मुनाफे की रकम से छह टीमों को दिये जाने वाले हिस्से का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
पीएसएल से अबतक हुई सबसे बड़ी आमदनी
साल 2016 में पीएसएल के आगाज के बाद से पीसीबी की इस टी20 लीग के आयोजन से हुई ये अबतक की सबसे बड़ी कमाई है। पीसीबी की लीग की टीमों के साथ प्रॉफिट शेयर करने का 5-95 का फार्मूला है। पीसीबी की कमाई प्रसारण, स्पॉन्सरशिप, टिकट की बिक्री और अन्य अधिकारों से होती है।
पिछले दो सीजन में हुए नुकसान की करेगा भरपाई
पीसीबी के अधिकारी ने यह भी स्वीकार किया कि कोरोना महामारी की वजह से पीएसएल के पांचवें और छठे सीजन में हुए नुकसान की भरपाई 1 अरब पाकिस्तानी रुपये के जरिए करेगी। उन्होंने ने यह भी कहा कि इस बार पीएसएल की 6 टीमों में से पांच फायदे में रहेगी।
लाहौर कलंदर्स ने जीता था खिताब
पाकिस्तान सुपर लीग के सुपर हिट सीजन का खिताब शाहीन शाह अफरीदी की कप्तानी वाली लाहौर कलंदर्स की टीम ने अपने नाम किया था। लाहौर ने फाइनल में डिफेंडिंग चैंपियन मुल्तान सुल्तान को 42 रन के अंतर से मात देकर खिताब अपने नाम किया था। लाहौर की जीत के हीरो मोहम्मद हफीज रहे थे।
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