IEC2023: गांवों में 22 घंटे तो शहरों में 23 घंटे से अधिक मिल रही बिजली,अब इनवर्टर कॉमन नहीं,बोले- REC सीएमडी वीके देवांगन

India Economic Conclave 2023 : REC के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने बताया कि डिस्ट्रिब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास फोकस रखा गया है, जिसके नतीजे पावर सप्लाई में जबरदस्त सुधार के रुप में दिख रहे हैं। उनके अनुसार पहले घरों में इन्वर्टर कॉमन हुआ करते थे, जो अब नहीं दिखते।

Updated Jun 1, 2023 | 04:51 PM IST

इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023

मुख्य बातें
  • गावों में मिल रही 22 घंटे से अधिक बिजली
  • शहरों में मिल रही 23.5 घंटे से अधिक बिजली
  • हजारों गावों का किया गया 100 फीसदी इलेक्ट्रिफिकेशन
India Economic Conclave 2023 : इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 ( IEC 2023 ) में REC के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने बताया कि पावर सेक्टर में कई बड़े और असाधारण रिफॉर्म हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 सालों में पावर सेक्टर में कई अहम ट्रांसफॉर्मेशन किए गए हैं, जिनकी शुरुआत दिसंबर 2014 में हुई थी। बड़े स्तर पर गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से आरईसी (REC) को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया था। देवांगन के मुताबिक 18347 गांवों का 100 फीसदी इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया। इसमें 41 महीने लगे। इसके अलावा 2.86 करोड़ परिवारों के लिए 18 महीनों के दौरान हाउस-ओनली इलेक्ट्रिफिकेशन अभियान चलाया।
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डिस्ट्रिब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

देवांगन ने बताया कि डिस्ट्रिब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर पर खास फोकस रखा गया है, जिसके नतीजे में पावर सप्लाई में जबरदस्त सुधार हुआ। उनके अनुसार पहले घरों में इन्वर्टर कॉमन हुआ करते थे, जो अब नहीं दिखते। 2012 में ग्रामीण इलाकों में 12-13 घंटे बिजली आती थी, जबकि अब गांवों में 22 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई की जा रही है। वहीं शहरी इलाकों में अब 23.5 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई हो रही है।

क्लाइमेट चेंज पर भारत की प्रतिबद्धता

कोयले से बिजली बनने के कारण कार्बन उत्सर्जन की चिंता पर देवांगन ने कहा कि भारत जी-20 (G-20) के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जो 2015 के पेरिस समझौते (Paris Agreement) के तहत अपनी प्रतिबद्ध को बरकरार रखे हुए हैं। हमारा टारगेट है कि 2030 तक 40 फीसदी बिजली नॉन-फॉसिल फ्यूल से जनरेट की जाए।
यहां देखें वीके देवांगन की पूरी बातचीत
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