उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने SC को बताया आखिरी किरण
Jammu Kashmir News: उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने शनिवार को कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को उच्चतम न्यायालय से बहुत उम्मीदें हैं जो दशकों से देश में न्याय प्रदान कर रहा है।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा अगले सप्ताह जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) सरकार के एक साल पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड मांगकर लोगों को धोखा देने के लिए 'लॉलीपॉप राजनीति' में लिप्त है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर दिहाड़ी मजदूरों के नियमितीकरण और बेरोजगारी जैसे उन्हीं मुद्दों से जूझ रहा है, जिन्हें भाजपा, पीडीपी के साथ गठबंधन सरकार और उपराज्यपाल (LG) के नेतृत्व वाले 11 वर्षों के शासन के दौरान हल करने में विफल रही।
उपमुख्यमंत्री अगस्त में अचानक आई बाढ़ के बाद तवी नदी पर चौथे पुल के संपर्क मार्ग को हुए भारी नुकसान के बाद मरम्मत कार्यों की समीक्षा के लिए यहां भगवती नगर के अपने दौरे पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय को राजनीतिक नेताओं की नहीं, बल्कि लोगों की धड़कनें सुननी चाहिए। उसे जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए, जैसा उसने अतीत में किया था।'
चौधरी ने कहा, 'अगर वे इसे (राज्य का दर्जा बहाल करना) उन पर (भाजपा पर) छोड़ देते हैं, तो वे ऐसा कभी नहीं करेंगे। उन्होंने जम्मू कश्मीर को बर्बाद कर दिया।' उन्होंने यह बात शीर्ष अदालत द्वारा केंद्र को जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में कही।
उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए उच्चतम न्यायालय को उम्मीद की आखिरी किरण के रूप में देखते हैं।'
उपमुख्यमंत्री के एक हालिया बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि उपराज्यपाल ने उनकी (LG) कार्यप्रणाली पर बार-बार सवाल उठाने के कारण उनकी सुरक्षा घटा दी है, चौधरी ने कहा, 'मैं अनुरोध करता हूं कि यदि आपको लगता है कि सुरिंदर चौधरी को सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है और स्थिति इस स्तर तक सुधर गई है, तो मेरी और भाजपा, कांग्रेस तथा पीडीपी सहित अन्य नेताओं की सुरक्षा वापस ले लीजिए।'
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को 28,000 करोड़ रुपये का औद्योगिक पैकेज दिया गया था, लेकिन किसी को नहीं पता कि पैसा कहां गया, जबकि अवैध खनन की भी उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए।
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