Gout Causes : इस विटामिन की कमी से होता है गठिया? ऐसे पहचाने शुरुआती लक्षण
Early Signs of Arthritis: गठिया जिसे अंग्रेजी में Arthritis भी कहते हैं। यह रोग आमतौर पर बड़ों और बड़ों में देखा जाता है। लेकिन आजकल गठिया जैसी बीमारी ने युवाओं को अपनी चपेट में ले लिया है। क्योंकि आजकल लाइफस्टाइल ही कुछ ऐसी हो गई है। इसलिए आपको भी यह जानना जरूरी है कि गठिया जैसी बीमारी के पीछे क्या कारण है।
Updated May 25, 2023 | 01:36 PM IST
Rheumatoid Arthritis Symptoms: कम उम्र में गठिया होने के हो सकते हैं ये संकेत
तस्वीर साभार : iStock
Causes of Gout: 14 प्रतिशत शहरी लोग और 18 प्रतिशत ग्रामीण लोग 30 साल की उम्र के बाद जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। कुछ सर्वे में इससे भी ज्यादा मिले हैं। एक हजार में एक बच्चा जोड़ों के दर्द से पीड़ित होता है। शीर्ष पांच पुरानी बीमारियाँ हृदय रोग, मधुमेह, स्ट्रोक, कैंसर और गठिया हैं। इनमें दर्द और अक्षमता पैदा करने वाली सबसे महत्वपूर्ण बीमारी रूमेटाइड अर्थराइटिस है।
गठिया ( Arthritis )रोग दो प्रकार के होते हैं एक ऑस्टियोआर्थराइटिस और दूसरा रुमेटाइड आर्थराइटिस। इसके मुख्य कारण आघात, जोड़ों की सर्जरी , गठिया, मोटापा, व्यस्तता के कारण जोड़ों का अधिक उपयोग, व्यायाम की कमी के कारण मांसपेशियों की कमजोरी हैं। इस तरह की टूट-फूट गर्दन, साथ ही काठ का रीढ़ और घुटने, कंधे, टखने और उंगली के जोड़ों में होती है। टूट-फूट के कारण ये जोड़ दर्दनाक हो जाते हैं और धीरे-धीरे निष्क्रिय हो जाते हैं। इसके बाद उसे और दर्द होने लगता है।
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गठिया का संबंध हड्डियों से होता है। हालांकि कई लोगों ने इसका नाम सुना है, लेकिन अभी भी कई लोग इसके होने का कारण नहीं जानते हैं। गठिया के सबसे बड़े कारणों में से एक आपके शरीर के खिलाफ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली है । इस बीमारी में कई बार इम्यून सिस्टम अपनी ही हड्डियों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसके अलावा भी इस बीमारी के कई कारण होते हैं। आइए आज इसके बारे में जानें।
इन चीजों की कमी से हो सकता है गठिया - Deficiency of these things can cause Arthritis
बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि किस कमी से गठिया होता है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि यह बीमारी विटामिन सी, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से भी ज्यादा हो सकती है। होता यह है कि इन चीजों की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और अंदर से खोखली होने लगती हैं। इसके अलावा जोड़ों के बीच घर्षण बढ़ जाता है।
पाचन क्रिया पर दें ध्यान - Focus on Digestion
पाचन के संदर्भ में समझे जाने पर, यह गठिया का कारण बन सकता है। दरअसल, लंबे समय तक शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित रहने से भविष्य में गठिया और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आपको ये बीमारियां हैं तो सावधान हो जाएं - Be careful if you Have These Diseases
मोटापा और मधुमेह: मोटापा और मधुमेह जैसे रोग भी इस स्थिति का कारण बन सकते हैं। दरअसल, ये बीमारियां हड्डियों के घनत्व के साथ-साथ उनकी गति को भी प्रभावित करती हैं और स्थिति को और खराब कर देती हैं। ऐसे मामलों में यह आपको गाउट तक ले जा सकता है। इसलिए, गठिया के इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और फिर अपने डॉक्टर से मिलें। इसके अलावा खान-पान और जीवनशैली में सुधार कर स्थिति को नियंत्रित करें।
गठिया के प्रकार : अर्थराइटिस मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। इसके मुख्य कारण आघात, जोड़ों की सर्जरी, गठिया, मोटापा, व्यस्तता के कारण जोड़ों का अत्यधिक उपयोग, व्यायाम की कमी के कारण मांसपेशियों की कमजोरी हैं।
इस तरह की टूट-फूट गर्दन, साथ ही काठ का रीढ़ और घुटने, कंधे, टखने और उंगली के जोड़ों में होती है। टूट-फूट के कारण ये जोड़ दर्दनाक हो जाते हैं और धीरे-धीरे निष्क्रिय हो जाते हैं। वर्कआउट करने के बाद रूमेटाइड अर्थराइटिस का यह मुख्य लक्षण है। धीरे-धीरे दर्द बढ़ जाता है और रात में भी जोड़ में लगातार दर्द बना रहता है। समय के साथ, "दिल की विफलता" जैसा जोड़ भी "विफल" हो जाता है।
रुमेटीइड लक्षण - Rheumatoid Symptoms
गठिया के लक्षणों के साथ आप कई चीजें अनुभव कर सकते हैं। प्रारंभ में, आपके शरीर पर सबसे पहले लाली और सूजन दिखाई दे सकती है। इसके बाद हड्डियों में दर्द, अकड़न का अहसास और चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है।
गठिया से बचाव के लिए क्या करें? - What to do to Prevent Arthritis?
मोटापा घुटनों जैसे जोड़ों पर ज्यादा जोर डालता है। इसके लिए वजन को नियंत्रण में रखते हुए नियमित व्यायाम, योग, पैदल चलना, साइकिल चलाना, तैरना चाहिए। हड्डियों के नुकसान की स्थिति में हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है। इसके लिए सुबह की गर्माहट अपने शरीर पर लें। संतुलित आहार लें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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