जर्मनी के मंदी की चपेट में आने से यूरो फिसला, जानें चीन, अस्ट्रेलिया की करेंसी का हाल

Germany Enters In Recession:दुनिया की चौथी और यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी पस्त हो गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार जर्मनी में लगतार दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट निगेटिव रही है

Updated May 25, 2023 | 07:32 PM IST

जर्मनी में लगतार दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट निगेटिव रही

तस्वीर साभार : iStock
Germany Enters In Recession:दुनिया की चौथी और यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी पस्त हो गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार जर्मनी में लगतार दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ रेट निगेटिव रही है। जिससे जर्मनी में मंदी आ गई है। जर्मनी में मंदी की सबसे बड़ी वजह से रूस से मिलने वाली गैस में कटौती होना है। जिसकी वजह से न केवल महंगाई बढ़ी है बल्कि लोगों की खरीद क्षमता भी घटी है। जिसका निगेटिव असर उद्योग धंधों पर हुआ है। यहां की मंदी का असर कई देशों की करेंसी पर पड़ रहा है।

इन करेंसी पर दिखा असर

  • यूरो लगभग 0.2% फिसला।
  • 3 अप्रैल के बाद से स्टर्लिंग पाउंड 0.1% कम हुआ।
  • येन 0.1% नीचे गिरा।
  • चीनी युआन छह महीने के निचले स्तर पर गिरकर 7.0903 प्रति डॉलर पर आ गया।
  • ऑस्ट्रेलिया के डॉलर 0.6523 डॉलर के निचले स्तर पर फिसल गया है।
  • न्यूजीलैंड डॉलर में 2.2% की गिरावट आई।

जमर्नी की इकोनॉमी गैस पर ज्यादा निर्भर

असल में जर्मनी की इकोनॉमी गैस पर बेहद निर्भर है। वहां की जरूरत की करीब 27 फीसदी आपूर्ति गैस से होती है। उसमें भी रूस से 55 फीसदी गैस का आयात होता है। जाहिर है जर्मनी की इकोनॉमी रूस पर बेहद निर्भर रही है। लेकिन रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। रूस पर जब पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाना शुरू किया तो रूसी राष्ट्रपित व्लादिमिर पुतिन ने भी विरोध स्वरूप रूस को गैस सप्लाई बड़े पैमाने पर कटौती कर दी है। इसके साथ ही जर्मनी ने भी सख्त रुख अपनाया है। इस कारण सितंबर 2022 के बाद से रूस से गैस आपूर्ति ठप है। ऐसा नहीं है कि जर्मनी को इस खतरे का अंदाजा नहीं था। इसे देखते हुए जर्मनी की तेल कंपनियों ने कतर के साथ सालान तौर पर 20 लाख टन गैस खरीदने का समझौता किया है। हालांकि ये सप्लाई 2026 से शुरू होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें ( Hindi News ) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस ( business News ) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों ( Latest Hindi News ) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

अगली खबर