सर्दी, बुखार, खांसी, कब्ज, दमा, मधुमेह, गठिया जैसे रोगों में कारगर यह जड़ी-बूटी, जानिए सेवन करने का तरीका
Health Benefits in Hindi: गिलोय (Tinospora Cordifolia) एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जंगलों और झाड़ियों में पाई जाती है। प्राचीन काल से ही गिलोय का उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता रहा है। गिलोय के फायदों (Giloy ke fayde) को देखकर पिछले कुछ सालों से लोगों में जागरूकता बढ़ी है और अब लोग गिलोय की बेल को अपने घरों में लगाने लगे हैं।
Updated May 25, 2023 | 05:11 PM IST
Top 10 Benefits of Giloy: गिलोय में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं ?
तस्वीर साभार : iStock
10 Health Benefits of Giloy : गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो कई बीमारियों में कारगर है। आयुर्वेद में गिलोय को गुडूची (टीनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया-Tinospora cordifolia) कहा जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में गुडुची का असाधारण महत्व है। इसके गुणकारी गुणों के कारण इस पौधे को आयुर्वेद में 'अमृता' भी कहा जाता है। गुडुची में कई लाभकारी गुण होते हैं। इसलिए गिलोय हमें कई बड़ी बीमारियों से दूर रखती है।
गिलोय खाने के फायदे - Benefits of Giloy
गिलोय में आयुर्वेदिक औषधीय गुण होते हैं। गिलोय सर्दी, बुखार, खांसी, कब्ज, दमा, मधुमेह, गठिया जैसे रोगों में कारगर है। गिलोय खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। गिलोय में जलनरोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं। गिलोय टाइप-2 डायबिटीज में फायदेमंद होता है। इस प्रकार गिलोय के स्वास्थ्य लाभ हैं।
गिलोय से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता - Giloy Increases Immunity
गिलोय को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है। गिलोय इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए बहुत उपयोगी है। इसलिए कोरोना से बचाव और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए गिलोय का सेवन फायदेमंद है। इसके लिए आप गिलोय चूर्ण या गिलोय अर्क का रोजाना सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
रूमेटाइड के मरीजों के लिए फायदेमंद है गिलोय - Giloy is Beneficial for Rheumatoid Patients
गिलोय में जलनरोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं। अत: गिलोय गठिया , वात रोग जैसे रोगों में लाभकारी है। जोड़ों के दर्द से पीड़ित रोगियों को गिलोय के अर्क का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
मधुमेह नियंत्रण में मदद करता है गिलोय - Giloy helps in Controlling Diabetes
गिलोय मधुमेह के रोगियों के लिए काफी कारगर साबित हुई है । यह टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। गिलोय रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करती है और शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करती है।
कफ रोगों को कम करता है गिलोय - Giloy Reduces Cough Diseases
गिलोय का सेवन करने से कफ रोगों जैसे दमा , सर्दी, श्वास संबंधित खांसी आदि से बचाव होता है। ऐसे समय में गिलोय का चूर्ण या गिलोयी का अर्क पीने से इस समस्या से बचने में मदद मिलती है।
पाचन तंत्र को मजबूत करती है गिलोय - Giloy Strengthens the Digestive System
गिलोय हमारे इम्यून सिस्टम के साथ-साथ हमारे पाचन तंत्र को भी मजबूत करती है। गिलोय के रोजाना सेवन से गैस, कब्ज जैसी पेट की समस्याओं से राहत मिलती है ।
बुखार में कारगर है गिलोय - Giloy is Effective in Fever
आयुर्वेद में गिलोय का प्रयोग मुख्य रूप से बुखार के लिए किया जाता है। गिलोय बदलते मौसम, वायरल बुखार या डेंगू , स्वाइन फ्लू , मलेरिया बुखार के कारण होने वाले बुखार में प्रभावी रूप से काम करती है।
गिलोय खाने से तनाव होता है दूर - Eating Giloy Removes Stress
भागदौड़ और प्रतिस्पर्धा के आज के दौर में प्राय: सभी को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। लेकिन गिलोय का सेवन तनाव को कम करने में मदद करता है। गिलोय में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह आपके दिमाग को शांत करता है और तनाव को कम करता है। गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और बुखार, सर्दी और खांसी से बचाती है, जिससे यह मौजूदा कोरोना संक्रमण के दौरान फायदेमंद है।
गिलोय को कैसे पहचानें ? - How to Recognize Giloy ?
गिलोय या गिलोय एक बेल होती है और इसके पत्ते खसखस के पत्तों के आकार के समान होते हैं। इसके गुच्छों में पीले और हरे रंग के फूल लगते हैं। गुडूची के तने और जड़ों का उपयोग औषधि के लिए प्रमुख रूप से किया जाता है। गिलोय चूर्ण (गुडुची चूर्ण) गिलोयी के तनों और जड़ों से बनाया जाता है। नीम के पेड़ पर चढ़ने वाली गुडूची की बेल सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है।
गिलोय एक्सट्रेक्ट कैसे बनाते हैं ? - How to make Giloy extract ?
एक बर्तन में दो कप पानी लें और उसमें एक चम्मच गिलोय चूर्ण यानी गुडुची चूर्ण डालें। इस मिश्रण को धीमी आंच पर उबालें। अधिक प्रभावी निष्कर्षण के लिए आप इसमें कुछ हल्दी, काली मिर्च, अदरक मिला सकते हैं। इस सारे मिश्रण को अच्छे से उबलने दें। इसके बाद इस गिलोय को निकाल लें और थोड़ा ठंडा होने के बाद इसका सेवन करें। इस तरह तैयार करें गिलोय एक्सट्रेक्ट। गिलोय का अर्क स्वाद में कड़वा होता है लेकिन यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गुडुची चूर्ण ऑनलाइन या नजदीकी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाता है।
गिलोय के दुष्प्रभाव - Side Effect of Giloy
गिलोय के सेहत के लिए कई फायदे हैं। इस हिसाब से गिलोय के नुकसान और नुकसान बहुत ही कम होते हैं। गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसलिए इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। गिलोय का प्रयोग उचित मात्रा में करना आवश्यक है। अगर आपको रोजाना गिलोय पाउडर या अमरूद का अर्क पीने के बाद कोई परेशानी महसूस होती है तो डॉक्टर से सलाह लें। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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