May 12, 2024
चिलचिलाती गर्मी में बर्फ से काफी राहत मिलती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब फ्रिज नहीं था तब बर्फ कैसे जमाई जाती थी?
Credit: canva
अब मुगल बादशाह की महफिलों में चार चांद लगाने के लिए शराब की ठंडक का खास ख्याल रखा जाता था।
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बादशाह जहांगीर के पीने के लिए तो शराब और बर्फ दोनों ही बाहर से मंगाए जाते थे। बर्फ खासतौर से कश्मीर से आता था।
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दिल्ली से कश्मीर भले ही सैकड़ों मील की दूरी पर था, लेकिन फिर भी उनके लिए कड़ी निगरानी में बर्फ लाया जाता था।
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हैरान करने वाली बात ये है कि तब तो थरमस भी नहीं था। इसलिए बर्फ बिना किसी थरमस के ही मीलों का सफर तय कर आसानी से आता था।
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बिना थरमस के सैकड़ों मील दूर कश्मीर से बादशाह के लिए बर्फ लाना भी एक चुनौती ही थी, लेकिन फिर भी उनकी खिद्मत के लिए ये ध्यान से किया जाता था।
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बादशाहों की हुकुमत खत्म होने के बाद सर्दियों में बनने वाले बर्फ को आइस हाउस में स्टोर किया जाने लगा। ऐसे आइस हाउस को भंडारण कक्ष भी कहते थे। हालांकि ये भंडारण कक्ष का खर्च भी सिर्फ अमीर लोग ही उठा सकते थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्शिया यानी ईरान के लोगों ने बर्फ बनाने की क्रांतिकारी खोज की थी।
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1800 के दशक में लोगों ने न्यू इंग्लैंड में तालाबों में बर्फ के ब्लॉकों को काटकर पूरी दुनिया में भेजना शुरू कर दिया।
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