5 रु कीमत और 80000 करोड़ की हैसियत, जानें गंगा बिशन कैसे बन गया हल्दीराम

Kashid Hussain

Sep 7, 2023

​हल्दीराम की अलग पहचान​

भारत में जितने भी पुराने ब्रांड, कंपनियां या प्रोडक्ट हैं, उनमें हल्दीराम की अपनी ही अलग पहचान है

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​नमकीन, मिठाई और स्नैक्स​

हल्दीराम की नमकीन, मिठाई और स्नैक्स दशकों से लोगों को अपना दीवाना बनाए हुए हैं। भारत के स्नैक्स सेगमेंट में इसकी सबसे ज्यादा 39% हिस्सेदारी है

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​गंगा बिशन अग्रवाल​

हल्दीराम की शुरुआत 1937 में गंगा बिशन अग्रवाल ने बीकानेर में की थी। बिशन को हल्दीराम के नाम से भी जाना जाता था

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​छोटी सी दुकान से बिजनेस शुरू​

हल्दीराम ने एक छोटी सी दुकान से बिजनेस शुरू किया था, जबकि आज इसके स्नैक्स प्रोडक्ट नीदरलैंड, भूटान, सिंगापुर और यूएई समेत दुनिया भर में जाते हैं

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​कंपनी की वैल्यू 83000 करोड़ रु ​

आज कंपनी की वैल्यू 83000 करोड़ रु से अधिक है। हल्दीराम की विरासत को आगे बढ़ाने और ब्रांड को ऊंचाई तक ले जाने का श्रेय उनके पोते शिव किशन अग्रवाल को दिया जाता है

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​भुजिया बनाने की कोशिश​

शुरू में हल्दीराम ने अलग-अलग चीजों को मिलाकर सबसे पहले भुजिया बनाने की कोशिश की। वे कई बार फेल हुए, मगर कई बार प्रयास के बाद उन्होंने टेस्टी भुजिया बनाई

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​मोठ की फलियों से भुजिया बनाई​

उन्होंने बेसन की जगह मोठ की फलियों से भुजिया बनाई, जिससे इसका स्वाद बदल गया और यह अधिक कुरकुरी हो गया, जो आज कई फ्लेवर में उपलब्ध है

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​5 रु में भी उपलब्ध​

हल्दीराम के स्नैक्स मार्केट में 5 रु में भी उपलब्ध है, जबकि इसके मिठाई सेगमेंट में 70 रु वाली सोन पापड़ी भी शामिल है

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​कई शहरों में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

हल्दीराम के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट देश भर के कई शहरों में हैं, जिनमें नागपुर, नई दिल्ली, हुगली, रुद्रपुर और नोएडा शामिल हैं

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