Sep 19, 2024

क्या है ISRO का 'सूर्य' रॉकेट? जो फॉल्कन-9 की तरह फिर हो सकेगा लॉन्च

Anurag Gupta

​सूर्य रॉकेट​

इसरो के हेवी लिफ्ट रॉकेट या नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV) को 'सूर्य' नाम दिया गया है।

Credit: ISRO

​फॉल्कन-9 की तरह होगा रॉकेट​

'सूर्य' रॉकेट स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 की तरह पुन: इस्तेमाल करने लायक होगा।

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ब्लैक होल की डरावनी आवाज

​पेलोड क्षमता​

'सूर्य' रॉकेट की पेलोड क्षमता (भार ले जाने की क्षमता) ISRO के लॉन्च व्हीकल मार्क-3 की तुलना में तीन गुना अधिक है।

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​मंत्रिमंडल की मंजूरी​

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'सूर्य' रॉकेट के विकास को मंजूरी दे दी है।

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​सरकार ने पैसे किए आवंटित​

केंद्र सरकार ने NGLV के विकास और उससे जुड़े कार्यक्रम के लिए 8,240 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

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​'सूर्य' रॉकेट की लागत​

इसरो के लॉन्च व्हीकल में सबसे शक्तिशाली रॉकेट मार्क-3 है, जिसकी लागत से 'सूर्य' रॉकेट की लागत 1.5 गुना ज्यादा होगी।

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​सपना होगा साकार​

'सूर्य' रॉकेट की बदौलत इसरो भविष्य में मनुष्यों को अंतरिक्ष ले जा सकेगा। यह रॉकेट 40 टन भार को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने में सक्षम होगा।

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