Sep 24, 2024
ब्रह्मांड में मौजूद असंख्य आकाशगंगाओं में से एक मिल्की-वे के एक ग्रह पृथ्वी पर हम लोग रहते हैं। आकाशगंगा सितारों, गैस और धूल का एक बड़ा समूह है, जो गुरुत्वाकर्षण की वजह से आपस में बंधे हुए हैं।
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आकाशगंगा में मौजूद तारों को गिनना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन हमारी अपने घरेलू आकाशगंगा में लगभग 100 अरब से 400 अरब तारे हैं।
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मिल्की-वे तारों से बनी हुए एक विशाल डिस्क वाली स्पाइरल गैलेक्सी है जिसका व्यास लगभग एक लाख प्रकाश वर्ष है यानी एक छोर से दूसरे छोर की दूरी एक लाख प्रकाश वर्ष है।
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मिल्की-वे के लगभग 400 अरब तारों में से एक हमारा सूर्य है और सूर्य मिल्की-वे के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
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मिल्की-वे की परिक्रमा करने में सूर्य को लगभग 230 मिलियन वर्ष लगते हैं।
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बकौल नासा, मिल्की-वे 50 से ज्यादा अन्य आकाशगंगाओं के एक समूह में स्थित है जिसे स्थानीय समूह कहा जाता है।
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हमारी आकाशगंगा का नाम मिल्की-वे इसलिए पड़ा, क्योंकि रात के अंधेरे में आकाश में प्रकाश की एक दूधिया पट्टी दिखाई देती है।
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