Sep 24, 2024
चंद्रमा की सतह पर पानी और हाइड्रॉक्सिल के संकेत मिले हैं। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना हुआ अणु हाइड्रॉक्सिल कहलाता है।
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प्लैनेटरी साइंस इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक रोजर क्लार्क के मुताबिक, दूर से देखने पर चंद्रमा काफी सूखा और नमी रहित प्रतीत होता है। सतह पर कोई तरल पानी जमा नहीं है।
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चंद्रमा की सतह पर भले ही नदियां या झीलें नहीं हैं, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि चंदा मामा बहुत सारा पानी छिपाकर रखे हुए हैं।
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पुराने अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च अक्षांशों पर मौजूद चांद के गड्ढों के भीतर गहराइयों में पानी छिपा हो सकता है।
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चांद के गहरे गड्ढों पर कभी भी सूर्य की सीधी रोशनी और गर्मी का असर नहीं होता है। ऐसे में कई मीटर मोटी बर्फ जमा हो सकती है।
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लेकिन हालिया अध्ययन से ऐसे संकेत मिले हैं कि चंद्रमा के अन्य हिस्सों में भी पानी हो सकता है। शोधकर्ताओं को ऐसे संकेत मिले हैं कि चांद पर पानी और हाइड्रॉक्सिल प्रचुर मात्रा में हो सकता है।
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वैज्ञानिकों की टीम ने चांद पर मौजूद खनिजों का एक नक्शा बनाया जिसकी बदौलत पानी की मौजूदगी के संकेत मिले।
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