Sep 1, 2023
जंतर मंतर का निर्माण 1724 ई. में पूरा हुआ था। जयपुर के महाराजा जयसिंह ने इस वेधशाला का निर्माण कराया।
Credit: jantarmantar-org
दिल्ली के अलावा उन्होंने जयपुर, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा में इसी प्रकार की अन्य वेधशालाओं का निर्माण कराया।
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जंतर मंतर एक प्रकार का नक्षत्रशाला है, जो अपने कई अनोखे अंतरिक्ष विज्ञान सम्बन्धी उपकरणों के लिए जाना जाता है।
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इस स्थान पर सूर्य, चन्द्रमा और ग्रहों की गतियों का पूर्वानुमान लगाने सम्बन्धी 13 अनोखे अंतरिक्षविज्ञान सम्बन्धी उपकरण लगाए गए।
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हालांकि, इन उपकरणों की सहायता से कोई सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता लेकिन वर्तमान समय में यह एक प्रमुख पर्यटन स्थान है।
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कहा जाता है कि मोहम्मद शाह के शासन काल में हिंदू और मुस्लिम खगोलशास्त्रियों में ग्रहों की स्थिति को लेकर बहस छिड़ गई थी।
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तब इस बहस को खत्म करने के लिए महाराजा सवाई जयसिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया।
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यहां स्थापित 'मिस्त्र यंत्र' साल के सबसे बड़े व छोटे दिनों को नापने के लिए, 'राम यंत्र' और 'जय प्रकाश यंत्र' खगोलीय पिंडों की गति के बारे में दर्शाता है।
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जंतर-मंतर अब बड़ा प्रदर्शन स्थल है। दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन करने के लिए लोग यहां आते हैं।
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