Nov 4, 2023
भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां माता सीता की पूजा श्री राम के बिना ही होती है।
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यह मंदिर मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित है इस मंदिर को करीला माता का मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में माता सीता की अकेले ही पूजा की जाती है।
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यह मंदिर अशोकनगर से करीब 35 किमी दूर मुंगावली तहसील की एक निर्जन पहाड़ी पर स्थित है।
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करीला माता मंदिर में भगवान राम की कोई प्रतिमा नहीं है बल्कि सिर्फ माता सीता की ही प्रतिमा स्थापित है।
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कहा जाता है कि इस मंदिर का संबंध रामायणकाल से है भगवान राम के आदेश के बाद लक्ष्मण ने करीला में ही माता सीता को गहरे वन में छोड़ दिया था, उस समय माता सीता गर्भवती थी।
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कहा जाता है कि इसी स्थान पर कभी महर्षी वाल्मीकि का आश्रम हुआ करता था, जहां पर लव और कुश का जन्म हुआ था। इसी स्थान पर लव-कुश ने अंजाने में भगवान राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को पकड़ लिया था।
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इसी वजह से करीला माता मंदिर में भगवान राम की पूजा नहीं की जाती और माता सीता यहां पर अकेले ही पूजी जाती हैं। यहां पर लव और कुश की भी पूजा की जाती है।
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करीला माता मंदिर में होली के समय रंगपंचमी का मेला भी लगता है जिसे लव-कुश के जन्म के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
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इस मंदिर की मान्यता है कि यहां सच्चे दिन से मांगी मन्नत पूरी होती है। मन्नत पूरी होने के बाद यहां एक अनोखी परंपरा भी है जिसके अनुसार मन्नत पूरी होने के बाद व्यक्ति को करीला मंदिर में राई और बधाई नृत्य करवाना होता है।
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