ये हैं वो 5 गांव जिनके लिए हो गई थी महाभारत, आज जान लीजिए नाम

Maahi Yashodhar

Mar 13, 2024

महाभारत के लड़ाई की एक बड़ी वजह जमीन और राज्यों के बंटवारे को लेकर भी थी।​

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यहां आकर प्रेम चढ़ेगा परवान

इसमें करीब सवा करोड़ सैनिक मारे गए थे, जिनमें करीब 70 लाख गौरव और 44 लाख पांडव सेना थे।

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कई दिनों तक चल रहे इस लड़ाई का जब कोई हल नहीं निकला तो कृष्ण शांतिदूत बनकर हस्तीनापुर गए।

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वहां जाकर कृष्ण ने कौरवों से पाडंवों को सिर्फ 5 गांव देकर लड़ाई को टालने का प्रस्ताव रखा।

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हालांकि इस बात से दुर्योधन सहमत नहीं हुआ और उसने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

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आइए जानते हैं कि वह कौन-कौन से गांव हैं, जिनकी वजह से महाभारत हो गई।

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​इंद्रप्रस्थ

इंद्रप्रस्थ को श्रीपत भी कहते हैं। पांडवों ने ही इस जगह को बसाया था। इसे पहले खांडवप्रस्थ भी कहते थे। आपको बता दें कि मयासुर ने यहां श्री कृष्ण के कहने पर महल और किलों का निर्माण किया था।​

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​बागपत

आपको जानकर हैरानी होगी कि बागपत को पहले बाघपत कहते थे। यानी बाघों की रहने की जगह। यहां पहले सिर्फ बाघ ही बाघ पाए जाते थे। यह यूपी का एक जिला है, जहां कौरवों ने पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश की थी।

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सोनीपत

सोनपत को पहले स्वर्णप्रस्थ कहा जाता था। यानी सोने का शहर। जो बाद में सोनप्रस्थ और फिर इसे सोनीपत कर दिया गया। आज यह जगह हरियाणा का एक जिला है।

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पानीपत

इन पांच गांवों में एक गांव पानीपत भी है, जिसे पहले पांडुप्रस्थ भी कहा जाता था। यहां तीन बड़ी लड़ाइयां लड़ी गई हैं। इसी के पास कुरुक्षेत्र में महाभारत की लड़ाई शुरू हुई थी।

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तिलपत

आपको बता दें कि तिलपत को तिलप्रस्थ भी कहते थे। यह हरियाणा के फरीदाबाद में है।

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