Mar 13, 2024
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इंद्रप्रस्थ को श्रीपत भी कहते हैं। पांडवों ने ही इस जगह को बसाया था। इसे पहले खांडवप्रस्थ भी कहते थे। आपको बता दें कि मयासुर ने यहां श्री कृष्ण के कहने पर महल और किलों का निर्माण किया था।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि बागपत को पहले बाघपत कहते थे। यानी बाघों की रहने की जगह। यहां पहले सिर्फ बाघ ही बाघ पाए जाते थे। यह यूपी का एक जिला है, जहां कौरवों ने पांडवों को जलाकर मारने की कोशिश की थी।
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सोनपत को पहले स्वर्णप्रस्थ कहा जाता था। यानी सोने का शहर। जो बाद में सोनप्रस्थ और फिर इसे सोनीपत कर दिया गया। आज यह जगह हरियाणा का एक जिला है।
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इन पांच गांवों में एक गांव पानीपत भी है, जिसे पहले पांडुप्रस्थ भी कहा जाता था। यहां तीन बड़ी लड़ाइयां लड़ी गई हैं। इसी के पास कुरुक्षेत्र में महाभारत की लड़ाई शुरू हुई थी।
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आपको बता दें कि तिलपत को तिलप्रस्थ भी कहते थे। यह हरियाणा के फरीदाबाद में है।
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