Mar 14, 2024
गुटखे के थूक के दागों को साफ करने के लिए भारतीय रेलवे को 2021 में करीब 1200 करोड़ रु खर्च करने पड़े थे
Credit: Twitter/EzySpit
ट्रेन और स्टेशन परिसर को साफ रखने के लिए पश्चिम, उत्तर और मध्य रेलवे ने नागपुर के एक स्टार्टअप ईजीस्पिट के साथ समझौता किया
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समझौते के तहत रेलवे स्टेशनों पर वेंडिंग मशीनें या कियोस्क के जरिए स्पिटटून (थूकदान) पाउच उपलब्ध कराए जाते हैं
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ईजीस्पिट ने दुनिया का पहला ऐसा पाउच लॉन्च किया है जो कहीं भी जर्म्स फैलने के डर के बिना थूकने की सुविधा देता है
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ईजीस्पिट की फाउंडर हैं रितु मल्होत्रा, जबकि सुनील शेट्टी इस कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर हैं
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अपने इस कदम के लिए ईजीस्पिट को 25 से अधिक नेशनल और इंटरनेशल अवॉर्ड मिल चुके हैं
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ईजीस्पिट के थूकदान की कीमत 5-10 रु है, जिसे 15-20 बार यूज किया जा सकता है
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ये ऐसे पाउच हैं, जिन्हें कोई भी यात्री जेब में रखकर सफर कर सकता है और जरूरत के समय यूज कर सकता है
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ये थूकदान पाउच थूक को ठोस बना देते हैं, जिसे बाद मिट्टी में डाल दिया जाता है और उसका वजूद खत्म हो जाता है
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