Sep 25, 2023
पुराने समय में अमेरिका और यूरोप की दवा कंपनियों का बोलबाला था। लेकिन सिप्ला के यूसुफ हमीद के तीन वादों ने तहलका मचा दिया।
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1981 में दुनिया को एक नई बीमारी AIDS यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम के बारे में पता चला। यह रोग सबसे ज्यादा अफ्रीका में फैला।
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2000 में यूरोप में HIV कॉन्फ्रेंस हुई। इस कॉन्फ्रेंस में ख्वाजा हमीद के बेटे यूसुफ हमीद नाम के एक भारतीय भी थे। उन्हें सिर्फ 3 मिनट दिया गया था। इन 3 मिनट में उन्होंने 3 वादे किए।
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पहला सिप्ला सिर्फ 36,500 रुपए सलाना कीमत पर एड्स की दवाइयां बाजार में लाएगी। दूसरा, गरीब देशों दवा को बनाने का तरीका बताना और तीसरा मां से बच्चे में फैलने वाले एड्स की दवा कंपनी फ्री में देगी।
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साल 2000 तक अफ्रीका में सालाना हजारों लोगों की मौत एड्स से हो रही थी। अमेरिका, यूरोप इसकी दवाएं डेवलप कर ली थीं। लेकिन कीमत ज्यादा थी जिससे अफ्रीका जैसे गरीब देश उसे खरीद नहीं पा रहे थे।
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ऐसे में सस्ती कीमत में दवाओं को बजार लाकर सिप्ला के मालिक गरीबों के रॉबिन हुड की तरह सामने आए।
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यूसुफ हामिद सिप्ला के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष, भारतीय वैज्ञानिक और अरबपति बिजनेसमैन हैं।
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पिता ख्वाजा अब्दुल हमीद की मृत्यु के बाद, हामीद और उनके भाई मुस्तफा को जेनेरिक फार्मास्युटिकल दवा की कंपनी सिप्ला विरासत में मिली।
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