ऐसे बढ़ता था मुगलों का खजाना, सड़क पर 'चलने' से नदी के इस्तेमाल तक पर वसलूते थे टैक्स

Kashid Hussain

May 26, 2024

1526 से 1857 तक हुकूमत ​

मुगलों ने भारत में 1526 से 1857 तक हुकूमत की। मुगलों के पास दौलत का भंडार था

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​कई तरह के टैक्स​

मगर आखिर मुगल कमाई कैसे करते थे? दरअसल वे अपनी हुकूमत में कई तरह के टैक्स लगाते थे

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​फसल पर टैक्स​

किसानों से उनकी उपज पर पैदावार के हिसाब से टैक्स वसूला जाता था

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​लैंड रेवेन्यू टैक्स​

मुगलों की हुकूमत में लैंड रेवेन्यू टैक्स भी लिया जाता था, जो 25% तक था। इस टैक्स को जिहत और सरजिहत, फुरुअत और अबवाब के नाम से जाना जाता था

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​इम्पोर्ट टैक्स​

मुगल इम्पोर्ट टैक्स भी लेते थे, जो दूसरे देशों से आने वाली चीजों पर 2.5 से 10 फीसदी तक था

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​जजिया और जकात टैक्स​

गैर-मुस्लिमों से जजिया टैक्स और मुस्लिमों से जकात टैक्स लिया जाता था। ये धार्मिक टैक्स थे

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​राहदारी टैक्स​

घरेलू और विदेशी कारोबार के लिए किए जाने वाले सफर के लिए सड़क और नदी के इस्तेमाल पर राहदारी टैक्स लगता था

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​कटरापार्चा टैक्स​

बाजार शुल्क के अलावा व्यापारियों और कारीगरों से रेशम जैसे उत्पादों पर कटरापार्चा टैक्स वसूला जाता था

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