Aug 29, 2024
कनाडा में हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्र जस्टिन ट्रूडो के तुगलकी फरमान के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं।
Credit: AP/Twitter
ट्रूडो सरकार की इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलावों की वजह से छात्र घबराए हुए हैं और उन्हें डिपोर्टेशन का डर सता रहा है।
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कनाडा सरकार बेरोजगारी और सुस्त अर्थव्यवस्था से जूझ रही है। ऐसे में सरकार ने विदेशी कामगारों को परमिट नहीं देना का फैसला किया है।
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बता दें कि कम वेतन वाली अस्थायी नौकरियों के लिए अब परमिट महज एक साल के लिए जारी होगा, जबकि पहले यह दो साल के लिए जारी होता था।
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हजारों छात्रों और अस्थायी विदेशी कामगारों को उम्मीद है कि उन्हें भारतीय मूल के कनाडाई लोगों का समर्थन मिल सकता है।
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सरकार के नए फरमान के चलते ओंटारियो, मैनीटोबा, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड और ब्रिटिश कोलंबिया में भारतीयों छात्रों का प्रदर्शन जारी है।
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कनाडा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में कनाडा में कुल 5.5 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र मौजूद थे। जिनमें से भारतीय छात्रों की संख्या 2.26 लाख थी।
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