Dec 28, 2022
पुराने लखनऊ में एक 400 साल पुराना मंदिर है। बजरंग बली को समर्पित यह मंदिर 'छाछी कुआं हनुमान मंदिर' के नाम से जाना जाता है।
Credit: Social-Media
पुराने लखनऊ स्थित यह मंदिर कभी बंजारा कुआं के नाम से जाना जाता था। बाद में इसे छाछी कुआं के नाम से जाना जाने लगा।
Credit: Social-Media
जाने-माने इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीण ने अपनी किताब 'लखनऊ नामा' में लिखा- साल 1585 में अयोध्या से बाबा 1008 परमेश्वर दास महाराज लखनऊ आए थे।
Credit: Social-Media
मंदिर के अंदर बने कुएं के पास बाबा ने अपना डेरा डाला था। उनका कमंडल एक दिन कुएं में गिर गया था और बहुत प्रयास के बाद भी निकल नहीं पाया था।
Credit: Social-Media
बाबा परमेश्वर दास ने जब खुद रस्सी डाली तो सबसे पहले कमंडल के साथ बजरंगबली की छोटी सी दुर्लभ मूर्ति निकली। यही मूर्ति आज मंदिर में विराजमान है।
Credit: Social-Media
किताब में लिखा है कि जब बाबा ने दूसरी बार कमंडल डालकर रस्सी खींची तो कुएं से पानी की जगह छाछ निकला, जिसे बाबा ने कुएं में वापस पलट दिया।
Credit: Social-Media
किताब में लिखा है कि कुएं से इसके बाद लगातार 3 दिन तक छाछ ही छाछ निकलती रही।
Credit: Social-Media
कुएं में मूर्ति कहां से आई थी, यह किसी को पता नहीं था। यह 400 साल बाद भी रहस्य बना हुआ है।
Credit: Social-Media
बताया जाता है कि इस मंदिर में गोस्वामी तुलसीदास भी आ चुके हैं। अयोध्या की हनुमानगढ़ी मंदिर के बराबर ही इस मंदिर का महत्व है।
Credit: Social-Media
Thanks For Reading!
Find out More