Jan 16, 2024
भगवान राम ने यूपी के अयोध्या में चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी को राजा दशरथ के घर जन्म लिया।
Credit: Twitter
अयोध्या में जन्म के बाद भगवान राम ऋषि विश्वामित्र के साथ यज्ञ की रक्षा के लिए निकले। यहां पर उन्होंने ताड़का का वध किया।
Credit: Twitter
इसके बाद वह जनकपुर नेपाल पहुंचे, जहां शिव धनुष तोड़कर उन्होंने मां सीता से विवाह किया।
Credit: Twitter
पिता से 14 वर्ष का वनवास मिलने के बाद प्रभु श्रीराम का पहला पड़ाव प्रयागराज का भारद्वाज आश्रम था। उन्होंने ऋषि भारद्वाज से मुलाकात की, जिन्होंने भगवान राम को कामदगिरि पर्वत पर रहने की सलाह दी।
Credit: Twitter
भगवान राम प्रयागराज से चित्रकूट पहुंचे, जहां पर उन्होंने वनवास का अधिकांश समय बिताया। यहीं पर उनके भाई भरत से उनका मिलाप हुआ था।
Credit: Twitter
चित्रकूट से भगवान राम नासिक के पंचवटी पहुंचे। जहां पर लक्ष्मण ने रावण की बहन सूर्पनखा के नाक-कान काटे थे। यहीं से रावण ने सीता मां का हरण किया था।
Credit: Twitter
माता सीता को ढूंढते हुए प्रभु राम कर्नाटक के बेलगांव के जंगलों में पहुंचे। यहां पर उन्होंने माता शबरी के दिए हुए जूठे बेर खाए।
Credit: Twitter
भगवान राम ने हंपी में बालि का वध किया। यहीं उन्हें सबसे पहली बार बजरंगबली हनुमान मिले थे।
Credit: Twitter
हंपी से चलकर वह तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंचे। जहां वानर सेना की मदद से उन्होंने समुद्र पर सेतु का निर्माण करवाया। समुद्र तट पर उन्होंने एक शिवलिंग की स्थापना भी की।
Credit: Twitter
सबसे अंत में भगवान राम पुल पार करके लंका पहुंचे। जहां उन्होंने रावण का वध कर सीता मां को मुक्त कराया। भगवान राम ने विभीषण को लंका का राजा बनाया।
Credit: Twitter
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स