Nov 28, 2022

देश का अनोखा मंदिर, जहां देवी-देवताओं नहीं बल्कि डायन की होती है पूजा

Kaushlendra Pathak

मंदिर में डायन की पूजा

ये दुनिया अजीबोगरीब रहस्यों से भरी हुई है। यहां आपको कई बार ऐसी-ऐसी चीजें देखने और सुनने को मिल जाएंगी, जिनपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। जरा सोचिए, किसी भी मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा होती है। लेकिन, एक ऐसा भी मंदिर है जहां देवी-देवताओं नहीं बल्कि डायन की पूजा होती है। इस बात पर हो सकता है आपको यकीन ना हो रहा हो, लेकिन यह सच है।

Credit: Social-Media

छत्तीसगढ़ में है मंदिर

यह अजीबोगरीब मंदिर छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के झींका गांव में मौजूद है।

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200 साल पुराना है मंदिर

बताया जाता है कि ये मंदिर 200 साल पुराना है और इसमें डायन की पूजा होती है।

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नीम वृक्ष के नीचे था ये मंदिर

ग्रामीणों का कहना है कि पहले ये मंदिर नीम वृक्ष के नीचे बने एक चबूतरे पर था। समय के साथ-साथ लोगों को इसके बारे में जानकारी मिलती गई और फिर यहां मंदिर का निर्माण हुआ।

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मंदिर लो परेतिन दाई यानी डायन माता के नाम से जाना जाता है

रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के अंदर एक मूर्ति स्थापित है, जिसे छत्तीसगढ़ बोली में लो परेतिन दाई यानी डायन माता के नाम से जाना जाता है।

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बिना सिर झुकाए कोई नहीं जा सकता

इस मंदिर के आगे से बिना सिर झुकाए कोई नहीं जाता है। मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई ऐसा करता है तो उसे रास्ते में दिक्कत हो सकती है।

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जिसे जानकारी नहीं उसे कोई समस्या नहीं

लेकिन, कोई अनजान है या फिर उसके बारे में उसे जानकारी नहीं तो उसे कोई तकलीफ नहीं होती है।

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ये भी है मान्यताएं

मान्यताओं के अनुसार, अगर यहां से कोई गाड़ी भी गुजरती है और उसके अंदर जो भी सामान होता है, उसे मंदिर में जरूर चढ़ाया जाता है।

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नकारात्मक शक्ति नहीं मानते लोग

गांव वालों के लिए डायन माता नकारात्क शक्ति नहीं हैं। वो तो उन्हें परेतिन देवी की तरह पूजते हैं। उनका कहना है कि मां कभी किसी का बुरा नहीं करतीं। जो भी सच्चे मन से उनकी प्रार्थना करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

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