Mar 5, 2024
भारत के कई फूड ब्रॉन्ड की शुरुआत की कहानी जोरदार रही है। ये ब्रॉन्ड छोटे कमरे से शुरू हुए हैं।
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साल 1959 में दक्षिण मुंबई में एक छत पर सात गुजराती महिलाओं ने पापड़ बनाना शुरू किया था।
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मौजूदा समय में कंपनी में 45,000 से अधिक महिला कर्मचारी हैं और इसकी कुल संपत्ति 1,600 करोड़ रुपये से अधिक है।
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क्रिस्पी, टेस्टी और परफेक्ट पार्टी स्टार्टर, ज्यादातर लोग बालाजी वेफर्स के बारे में इसी तरह से बताते हैं।
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चंदूभाई वीरानी ने घर में चिप्स बनाने का काम शुरू किया था और 1984 में चिप्स के कारोबार का नाम बालाजी रखा।
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साल 1929 में मुंबई में मोहनलाल दयाल नाम के शख्स ने विले पार्ले में एक पुरानी फैक्ट्री को फिर से शुरू किया।
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फैक्ट्री में 1939 में बिस्किट बनना शुरू हुआ। पारले ग्लूको हिट रहा। आज पारले-जी पूरी दुनिया में बिकता है।
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वाडीलाल ब्रांड की शुरुआत 1907 में गुजरात में हुई थी। उस समय कंपनी आइसक्रीम पारंपरिक तरीके से बनाती थी।
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दूध, बर्फ और नमक को मथने के लिए हाथ से चलने वाली मशीन का उपयोग कर आइसक्रीम बनाया जाता था।
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भारत की आजादी के समय तक, कंपनी ने अहमदाबाद भर में चार आउटलेट खोले थे। अब कंपनी का मार्केट कैप 2,509 करोड़ है।
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