prabhat sharma
Sep 13, 2024
सद्गुरु ने कहा है कि मनुष्य के लिए इस पृथ्वी पर आत्मज्ञान से बड़ा कुछ नहीं है। सद्गुरु से जुड़ा वो भी किस्सा है जब उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
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सद्गुरु जब 25 साल के थे तब 23 सिंतबर दिन वो मैसूर में स्थित चामुंडी हिल गए थे। ये ही वो पल बना जिसने एक 25 साल के लड़के को जगदगुरु यानी सद्गुरु बना दिया।
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सद्गुरु चामुंडी हिल पर जाकर पर्वत के ऊंचे हिस्से पर जाकर बैठे और आंखें बंद कर ली। धीरे-धीरे वो ध्यान की उस अवस्था में पहुंच गए जिसने उन्हें आत्मबोध करा दिया।
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सद्गुरु ने खुद इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि उस पल उन्हें ऐसा एहसास हुआ कि मानो वो प्रकृति के साथ एक हो गए हों। सद्गुरु ने बताया कि वो इस अवस्था में काफी टाइम तक रहे थे।
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अगर आप चामुंडी हिल तक जाना चाहते हैं तो इसके लिए आप 1,008 कदम की चढ़ाई करके उस चोटी पर पहुंच सकेंगे।
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मैसूर केंद्र से लगभग 13 किलोमीटर दूर चामुंडी हिल स्थित है। मैसूर से चामुंडी हिल जाने के लिए आप टैक्सी या ऑटो-रिक्शा का प्रयोग कर सकते हैं।
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चामुंडी हिल से जुड़ा निकटतम रेलवे स्टेशन मैसूर रेलवे स्टेशन है। इस हिल से जुड़ा निकटतम एयरपोर्ट मैसूर एयरपोर्ट है इसकी शहर से दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।
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सद्गुरु को केवल आध्यत्मिक गुरू कहना ठीक नहीं है। सद्गुरु ने ध्यान की नई-नई प्रकार की विधियों द्वारा लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया है। सद्गुरु को सुनने वाले भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी हैं।
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अगर आप सद्गुरु से मिलने के इच्छुक हैं तो इसके लिए आपको तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थित ईशा योग केंद्र जाना होगा। यहां पर ध्यान के सेशन्स होते हैं।
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