Sep 9, 2024
prabhat sharmaरजनीश चंद्र मोहन जैन जिन्हें ओशो के नाम से भी जाना जाता है एक प्रसिद्ध विचारक थे। ओशो को सुनने और पढ़ने वाले भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में बसे हैं।
Credit: oshoworld
ओशो का जन्म मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित कुचवाड़ा गांव में हुआ था। आलम ये है कि अब ये गांव ही ओशो की जन्मस्थली के नाम से फेमस है।
Credit: oshoworld
ओशो के गांव कुचवाड़ा पहुंचने के लिए आपको मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की यात्रा करनी होगी जहां पर हवाई मार्ग के अलावा सड़क मार्ग से भी जाया जा सकता है।
Credit: oshoworld
कुचवाड़ा गांव के सबसे निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में है। भोपाल हवाई अड्डे पहुंचने के बाद आप बस या टैक्सी लेकर वहां से 150 किलोमीटर दूर स्थित कुचवाड़ा गांव पहुंच सकते हैं।
Credit: oshoworld
अगर आप ट्रेन के माध्यम से ओशो के गांव पहुंचना चाहते हैं तो यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन विदिशा है। विदिशा से कुचवाड़ा गांव की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है जिसे बस या टैक्सी द्वारा तय किया जा सकता है।
Credit: oshoworld
भोपाल और विदिशा से सड़क मार्ग से कुचवाड़ा जुड़ा हुआ है। आप निजी टैक्सी या बस के जरिए पहले भोपाल या फिर विदिशा पहुंचकर ओशो के इस गांव में आ सकते हैं। ये गांव शहर से ज्यादा दूर नहीं है।
Credit: oshoworld
ओशो का ये गांव शांति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी काफी फेमस है। यहां का शांत माहौल ध्यान और आंतरिक खोज के लिए उपयुक्त है।
Credit: oshoworld
चूंकि ये गांव काफी ज्यादा पुराना है ऐसे में यहां की यात्रा करके आप इस गांव से जुड़ी स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और जीवनशैली का अनूठा अनुभव भी कर सकते हैं।
Credit: oshoworld
कुचवाड़ा गांव में ओशो के आश्रम और ध्यान केंद्र भी स्थित हैं। यहां आकर आप ओशो की शिक्षाओं और ध्यान प्रथाओं का अच्छे से अनुभव कर सकते हैं।
Credit: oshoworld
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स