Nov 10, 2022
दूरसंचार विभाग (DoT) और सार्वजनिक सेवा प्रसारक प्रसार भारती पिछले कुछ समय से एक ऐसी नई टेक्नोलॉजी पर काम रहे हैं।
इस टेक्नोलॉजी के जरिए बिना एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन के भी वीडियो और बाकी मल्टीमीडिया कंटेंट को सीधे मोबाइल फोन्स पर ब्रॉडकास्ट किया जा सकेगा। इस टेक्नोलॉजी का नाम डायरेक्टू-टू-मोबाइल (D2M) ब्रॉडकास्टिंग है।
ये टेक्नोलॉजी ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट कन्वर्जेंस पर बेस्ड है। इससे मोबाइल फोन्स डिजिटल टीवी को रिसीव कर सकते हैं। ये ठीक इसी तरह से है, जिस तरह से लोग अपने फोन में FM रेडियो को सुनते हैं।
जहां फोन के अंदर का रिसीवर रेडियो फ्रिक्वेंसी पर टैप कर सकते हैं। D2M की मदद से मल्टीमीडिया कंटेंट को सीधे फोन तक पहुंचाया जा सकता है।
इस टेक्नोलॉजी के पीछे आइडिया ये है कि नागरिकों से जुड़ी जानकारियां ब्रॉडकास्ट कर सीधे उन तक पहुंचाई जा सकी। इस तरह से फेक न्यूज से लड़ने, आपातकाल स्थितियों और आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही लाइव न्यूज और स्पोर्ट्स को भी सीधे ब्रॉडकास्ट किया जा सकेगा। ताकी कंटेंट बिना बफर किए स्ट्रीम हो सके।
पिछले साल प्रसार भारती ने इस टेक्नोलॉजी पर काम करने के लिए IIT कानपुर के साथ साझेदारी की घोषणा भी की थी। इसी तरह डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने इस टेक्नोलॉजी को स्टडी करने के लिए एक समिति का गठन भी किया है।
इस टेक्नोलॉजी से ग्राहकों को ये फायदा होगा कि वे वीडियो ऑन डिमांड (VoD) या ओवर द टॉप (OTT) कंटेंट प्लेटफॉर्म्स के मल्टीमीडिया कंटेंट को मोबाइल डेटा खर्च किए बगैर कम कीमत में देख सकेंगे।
इस टेक्नोलॉजी का व्यवसायों को ये फायदा होगा कि इससे टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स अपने मोबाइल नेटवर्क से वीडियो ट्रैफिक को ब्रॉडकास्ट नेटवर्क पर ऑफलोड कर सकेंगे। इससे वैल्यूबल मोबाइल स्पेक्ट्रम को खाली हो सकेगा। साथ ही मोबाइल स्पेक्ट्रम के यूज को भी इंप्रूव करेगा।
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