Apr 6, 2024
हिंदू धर्म में पीरियड्स को लेकर कई सारे नियम हैं। इन नियमों के अनुसार महिलाओं को पूजा पाठ और मंदिर जाने की मनाही है।
Credit: canva
ऐसे में औरतों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि पीरियड्स के दिनों में वो अपवित्र क्यों मानी जाती हैं?
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सवाल तो ये भी है कि अगर कोई महिला व्रत कर रही है और उसी दिन पीरियड आ जाए, तो क्या करना चाहिए। क्या ऐसी में व्रत मान्य रहेगा?
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तो आपको बता दें कि पुराने समय में जो भी मान्यताएं बनाई गई, उनके पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण था।
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लेकिन उस कारण को न तो किसी ने समझने की कोशिश की और ना ही समझाया गया, इसलिए वो मान्यता अंधविश्वास और कुप्रथा में बदल गई।
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पीरियड्स के दौरान पूजा पाठ न करने के पीछे वजह ये है कि पुराने समय में बड़े-बड़े पूजा- पाठ अनुष्ठान किए जाते थे, जिसमें काफी समय और ऊर्जा लगती थी।
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अब पीरियड्स के दौरान महिलाओं को काफी दर्द और थकान जैसी रहती है, ऐसे में महिला के लिए लंबे समय तक बैठकर मंत्रोच्चारण या अनुष्ठान करना संभव नहीं होता था।
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महिला को आराम देने के लिए उसे पीरियड्स के दिनों में पूजा न करने की छूट दे दी गई थी और वो अपना पूरी तरह ख्याल रख सके।
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ऐसा भी कहा जाता है कि उस समय महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का संचार अधिक होता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान इस ऊर्जा को सेहन नहीं कर सकते हैं। जैसे कोई महिला पीरियड्स के दौरान अगर तुलसी में जल डालती हैं, तो तुलसी सूख जाती है।
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