Jan 15, 2023
पुरुष नागा साधु के बारे में तो कई लोग जानते हैं लेकिन महिला नागा साधुओं के बारे में कम ही जानते हैं। इनकी दुनिया बेहद रहस्यमय होती है।
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महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया आसान नहीं होती। कठिन तपस्या से गुजरना पड़ता है। ईश्वर के प्रति खुद को समर्पित करना होता है।
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महिला नागा साधु बनने से पहले 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। जो महिला ऐसा कर पाती है उनके गुरु उनको नागा साधु बनने की अनुमति देते हैं।
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महिला नागा साधु को अपनी पिछली जिंदगी भूलनी होती है जिसके लिए वो खुद का पिंडदान करती हैं।
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पिंडदान करने के बाद मुंडन और फिर स्नान कर एक महिला नागा साधु बनती है।
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महिला नागा साधु बिना सिला हुआ कपड़ा पहनती हैं और माथे पर तिलक लगाती हैं।
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महिला नागा साधुओं को नागिन और अवधूतानी कहकर संबोधित किया जाता है। दूसरी साध्वियां उन्हें माता कहकर बुलाती हैं।
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महिला नागा साधु पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहती हैं। ये जागने से लेकर सोने के समय तक भगवान की भक्ति में लीन रहती हैं।
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केवल कुंभ, महाकुंभ जैसे मौकों पर ही पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए महिला नागा साधु सामने आती हैं और जल्द ही अपनी दुनिया में वापस लौट जाती हैं।
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