Jan 13, 2023

Garuda Purana: मरने के बाद आत्मा के साथ क्या-कुछ होता है जानकर दंग रह जाएंगे आप

लवीना शर्मा

​ऐसे निकलते हैं शरीर से प्राण​

गरुड़ पुराण के अनुसार जिस समय मनुष्य की मृत्यु होने वाली होती है वो बोलने की कोशिश करता है लेकिन बोल नहीं पाता है। उस समय शरीर से अंगूठे के बराबर आत्मा निकलती है।

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​कहां जाती है आत्मा​

गरुड़ पुराण के अनुसार जैसे ही शरीर से आत्मा निकलते ही यमदूत उसे पकड़कर यमलोक ले जाते हैं। जहां तक जाने के रास्ता बहुत कठिन होता है।

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​यमराज के दूत करते हैं प्रताड़ित​

यमराज के दूत आत्मा को यमलोक तक ले जाते हुए डराते हैं और उसे नरक में मिलने वाले दुखों के बारे में बताते हैं। यमदूतों की बातें सुनकर आत्मा जोर-जोर से रोने लगती है।

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​कैसे होता है यमलोक का रास्ता?​

गरुड़ पुराण के अनुसार यमलोक का रास्ता 99 हजार योजन होता है। आत्मा को तपती हवा और गर्म बालू से होकर गुजरना पड़ता है। चलते-चलते आत्मा भूख-प्यास से व्याकुल हो जाती है। तब यमदूत उसकी पीठ पर चाबुक मारते हुए उसे आगे बढ़ने के लिए कहते हैं।

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​बड़ी कठिनाई से आत्मा पहुंचती है यमलोक​

आत्मा यमलोक तक जाते हुए जगह-जगह गिरती है और कभी बेहोश हो जाती है। फिर वो उठ कर आगे की ओर बढ़ने लगती है। इस प्रकार यमदूत जीवात्मा को यमलोक ले जाते हैं।

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​यमलोक में कर्मों का होता है हिसाब​

जैसे ही आत्मा यमलोक पहुंच जाती है उसके बाद उस आत्मा को उसके कर्मों के हिसाब से सजा देना निश्चित होता है। इसके बाद वे जीवात्मा यमराज की आज्ञा से फिर से अपने घर आती है।

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​आत्मा की होती है घर वापसी​

कहा जाता है कि घर आकर आत्मा फिर से शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती है लेकिन यमदूत के बंधन से मुक्त नहीं हो पाती और भूख-प्यार से तड़पती रहती है।

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​इस वजह से इधर-उधर भटकती रहती है आत्मा​

कहते हैं जब तक जीवात्मा के पुत्र परिजन पिंडदान नहीं करते हैं तब तक वह प्रेत बन जाती है और जंगलों और सुनसान जगह भटकती रहती है। इसलिए मृत्यु के बाद 10 दिन के अंदर पिंडदान जरूर कर देना चाहिए।

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​कैसा होता है नरक​

गरुड़ पुराण अनुसार बुरे कर्म करने वाले लोगों को नरक में कड़ी सजा दी जाती है। लोहे के ज��ते हुए तीर से इन्हें बींधा जाता है। लोहे के तीर में पाप करने वालों को पिरोया जाता है। कई आत्माओं को लोहे की बड़ी चट्टान के नीचे दबाकर सजा दी जाती है। किस आत्मा को कैसी सजा मिलेगी ये उसके कर्म निश्चित करते हैं।

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