May 22, 2023
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मान्यता है कि शनि का वास हाथ की बीच वाली उंगली के नीचे होता है। ऐसे में घोड़े की नाल की अंगूठी दाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करनी चाहिए।
घोड़े की नाल की अंगूठी साधारण लोहे से नहीं बल्कि काले घोड़े की नाल से बनवानी चाहिए। इसे शनिवार के दिन सिद्ध करके पहनना चाहिए।
शनि का छल्ला यानी घोड़े की नाल की अंगूठी धारण करने के लिए पुष्य, अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद और रोहिणी नक्षत्र सर्वोत्तम माना गया है।
जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी है, उन्हें घोड़े की नाल की अंगूठी धारण नहीं करनी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक घोड़े की नाल का छल्ला पहनने से शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती और बुरी आत्माओं से बचा जा सकता है।
कहते हैं घोड़े के नाल की अंगूठी धारण करने से शरीर में खून का अच्छा संचार होता है और आयरन की कमी दूर होती है।
जिन लोगों पर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें काले घोड़े की घिसी हुई नाल की अंगूठी पहननी चाहिए ऐसा करने से शनि का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
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