Sep 22, 2024

जीवन में सफलता की गारंटी देते हैं संस्कृत के ये श्लोक, रुकी हुई जिंदगी पकड़ेगी रफ्तार

gulshan kumar

जीवन में सफलता भला कौन नहीं चाहते है, लेकिन यह सबके नसीब में नहीं होती है।

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दीपिका का महल

लेकिन कुछ लोग अपने जीवन में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते चले जाते हैं।

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यदि आप भी अपनी अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो पढ़ें ये संस्कृत के श्लोक..

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प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥

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अर्थ

जैसे शेर पूरी एकाग्रता और ताकत से अपना शिकार करता है वैसे ही हमें भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी एकाग्रता और मेहनत से प्रयास करना चाहिए।​

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उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगा:॥

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अर्थ

मेहनत करने से सफलता मिलती है न कि केवल मनोरथ (इच्छा) करने से जैसे सोते हुए शेर के मुंह में हिरण अपने आप प्रवेश नहीं करता है।

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काक चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च।अल्पहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥

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अर्थ

कौवे की तरह प्रयास, बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह नींद, कम खाना और घर से दूर रहना। एक विद्यार्थी में यह पांच लक्षण होने चाहिए।

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