Apr 5, 2024
बच्चों के मानसिक विकास में माता-पिता और टीचर का सबसे अहम योगदान होता है। ऐसे में पेरेंट्स और टीचर की एक छोटी सी गलती भी उन्हें गलत दिशा दे सकती है।
Credit: canva
अक्सर पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में माता-पिता बच्चों की टीचर के सामने या तो बहुत बुराई करते हैं या फिर हद से ज्यादा तारीफ करने लगते हैं, जबकि ये दोनों ही तरीका गलत है।
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अगर आप भी पैरेंट्स हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में बच्चों के टीचर से सामने किन बातों को करने से बचना चाहिए।
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पीटीएम में कई पेरेंट्स अपने बच्चों को डांट देते हैं, जिसका असर बच्चों की मानसिकता पर पड़ता है। उन्हें लगता है कि उनके माता-पिता ने उन्हें सबके सामने डांट दिया और वो उनपर भरोसा करना बंद कर देते हैं।
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PTM में कभी बच्चे की टीचर के सामने ज्यादा तारीफ न करें। इससे वो ओवर कॉन्फिडेंस में आ जाते हैं और शैतानियां करने लगते हैं। यही नहीं, कई बच्चे तो अपने टीचर की बात को भी वैल्यू देना बंद कर देते हैं।
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पीटीएम में कई बार माता-पिता या टीचर बच्चों की इतनी अधिक कमियां निकालते हैं कि उसका कॉन्फिडेंस खोने लगता है।
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यही नहीं, अगर आप टीचर के सामने बच्चे की अधिक शिकायत करें, तो टीचर बेवजह बाद में बच्चों का डांटते रहेंगे और उन्हें बार-बार उनके पैरेंट्स द्वारा बताई गई कमियों की याद दिलाएंगे।
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अगर आपको किसी बात का बुरा भी लग रहा हो या फिर आपको लग रहा है बच्चे ने गलती की है, तो उसे प्यार से समझाएं। घर जाकर उससे बात करें। चिल्लाएं या मारपीट ना करें।
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बच्चे की कमियों को सुनकर ऐसी बात बच्चों के सामने ना करें, जिससे बच्चा डिमोटिवेट हो जाए। कभी बच्चे को- तुम जीवन में कुछ नहीं कर पाओगे, फेल हो जाओगे जैसी बातें न कहें।
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