May 13, 2024

आज के चुनिंदा 8 शेर: बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है, उसे गले लगाए जमाना हो गया है

Suneet Singh

यहां पढ़ें अलग-अलग शायरों के 8 चुनिंदा शेर, बन जागा दिन

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अंबेडकर के अनमोल विचार

​आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं, सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं।

- हैरत इलाहाबादी

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Guru Adtiya Rajyaog

मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे, कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाए।

- इफ्तिखार नसीम

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मौत उस की है करे जिस का ज़माना अफ़्सोस , यूं तो दुनिया में सभी आए हैं मरने के लिए।

- महमूद रामपुरी

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ये और बात कि वो अब यहाँ नहीं रहता, मगर ये उस का बसाया हुआ मकान तो है।

- अकील शादाब

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तेरी महफ़िल से उठाता ग़ैर मुझ को क्या मजाल, देखता था मैं कि तू ने भी इशारा कर दिया ।

हसरत मोहानी

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ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन, लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं।

- अब्बास ताबिश

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मैं किताब-ए-ख़ाक खोलूँ तो खुले, क्या नहीं मौजूद क्या मौजूद है।

- सरवत हुसैन

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बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है, उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है।

- इरफान सिद्दीकी

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