Jan 6, 2024
पीरियड्स का समय कुछ महिलाओं के लिए किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं होता है। इस दौरान होने वाले असहनीय दर्द के कारण महिलाएं तनाव और मूड स्विंग्स की समस्या से जूझती हैं।
Credit: canva
हालांकि, आज भी इसे लेकर महिलाएं पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं। पीरियड्स से जुड़ी कुछ गलतफहमियां पिछले कई सालों से समाज में मौजूद हैं। आज भी इसके बारे में ज्यादातर घरों में धीमी आवाज में बात की जाती है।
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दुनिया के कई हिस्सों में मासिक धर्म को टैबू समझा जाता है। वहीं, पीरियड्स को लेकर कई सारे ऐसे मिथक हैं, जिसको दूर करने की जरूरत है।
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पीरियड्स में नहाना नहीं चाहिए? ये धारणा गलत है। असल में इस दौरान तो साफ सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए। गुनगुने पानी से नहाने पर क्रैम्प्स से भी राहत मिलती है।
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पीरियड्स के दौरान लड़कियों को खट्टा खाने की मनाही होती है, लेकिन सच तो ये है कि खट्टे खाद्य पदार्थ विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
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कुछ लोगों का ये मानना है कि पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। इस समय कुछ एक्सरसाइज की मदद से क्रैम्प्स से छुटकारा भी पा सकती हैं।
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पीरियड्स के दौरान स्विम करना बिल्कुल सुरक्षित होता है। यह मिथक उस वक्त का है जब टैम्पॉन्स या मेन्ट्रुअल कप्स का विकल्प नहीं था और कपड़ा या पैड पानी में गीले हो जाते थे।
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पीरियड्स के दौरान महिलाएं बिल्कुल भी प्रेग्नेंट नहीं हो सकती, ये सच नहीं है। ब्लीडिंग के दौरान संभावना कम होती है लेकिन प्रेग्नेंट होना भी संभव है।
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पीरियड्स की साइकिल सबके लिए एक जैसी नहीं होती। कुछ लोगों को 28 दिन बाद आता है तो वहीं कुछ को 25 से 30 दिन के बीच भी आ सकता है।
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