Mar 18, 2023
BY: कुलदीप राघवरक्त दान महादान होता है। लोग समय समय पर रक्त दान करते हैं ताकि इमरजेंसी के समय किसी की जान बचाई जा सके।
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केंद्र सरकार के परिवार कल्याण मंत्रालय की ब्लड डोनर सिलेक्शन गाइडलाइन में इस बात का जिक्र है कि कौन रक्त दान कर सकता है।
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केंद्र सरकार की गाइडलाइन में इस बात का भी जिक्र है कि कौन लोग किसी भी सूरत में रक्त दान नहीं कर सकते हैं। इस बात पर काफी विवाद हुआ है और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है।
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गाइडलाइन के अनुसार, ट्रांसजेंडर, गे, सेक्स वर्कर्स को ब्लड डोनेशन की परमिशन नहीं है।ट्रांसजेंडर समुदाय के मेंबर थंगजम संता सिंह इस मामले में पिटिशन दायर कर डोनर सिलेक्शन और डोनर रेफरल, 2017 की गाइडलाइन का विरोध किया था।
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गे यानी दो पुरुष जो आपस में संबंध रखते हैं वे रक्त दान नहीं कर सकते हैं।
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खून देने के अधिकार से ज्यादा महत्वपूर्ण सुरक्षित खून देना है। सरकार का तर्क है कि जरूरतमंद और बीमार लोगों को सेफ ब्लड मिले यह उनका अधिकार है।
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गे लोगों की तरह लेस्बियन भी रक्त दान नहीं कर सकती हैं। लेस्बियन वो महिलाएं कहलाती हैं जो आपस में यौन संबंध रखती हैं।
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सेक्स वर्कर्स भी रक्त दान नहीं कर सकते हैं। सरकार का कहना है कि सेक्स वर्कर्स बनेंगे ब्लड डोनर तो बीमारियां का रिस्क बढ़ेगा। रक्त लेने वाले को HIV, AIDS, हेपेटाइटिस B या C, मलेरिया और STI (सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन) का रिस्क रहेगा।
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सरकार ने ट्रांसजेंडर्स को भी रक्त दान की अनुमति नहीं दी है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में एफिडेविट के माध्यम से कुछ साइंटिफिक प्रूफ दिए हैं और अपनी बात को सही साबित किया है।
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