Jun 3, 2024
'कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं..', नतीजों से पहले पढ़ें सियासत पर ये बेहतरीन शेर
Suneet Singhनए किरदार आते जा रहे हैं, मगर नाटक पुराना चल रहा है।
- राहत इंदौरी
Gulzar Best Shayariसमझने ही नहीं देती सियासत हम को सच्चाई, कभी चेहरा नहीं मिलता कभी दर्पन नहीं मिलता।
- अज्ञात
धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है, न पूरे शहर पर छाए तो कहना।
- जावेद अख्तर
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों।
- बशीर भद्र
एक आंसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुम ने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना।
- मुनव्वर राना
इन से उम्मीद न रख हैं ये सियासत वाले, ये किसी से भी मोहब्बत नहीं करने वाले।
- नादिम नदीम
ये सच है रंग बदलता था वो हर इक लम्हा, मगर वही तो बहुत कामयाब चेहरा था।
- अम्बर बहराईची
कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते।
- इरतिज़ा निशात
देखोगे तो हर मोड़ पे मिल जाएँगी लाशें, ढूँडोगे तो इस शहर में क़ातिल न मिलेगा।
- मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
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