Jan 16, 2024
भारत के बासमती चावल को यूं ही नहीं पसंद किया जाता। ये अपनी खुशबू, स्वाद और बड़े दाने के बावजूद ग्लूटन फ्री भी होता है।
Credit: canva
पुलाव हो या बिरयानी, बासमती हमेशा से ही भारतीयों की पहली पसंद रहा है। वहीं, अब दुनियाभर में इसका डंका बजने लगा है।
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भारत दुनियाभर में बासमती की खुशबू पहुंचाता है और अब इसी भारतीय बासमती राइस को इसकी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ चावल चुना गया है।
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यूं तो पाकिस्तान में भी इसकी खेती होती है। लेकिन निर्यात के मामले में भारत नम्बर 1 पर है। ऐसे में ये खींचातानी चलती है कि आखिर बासमती है किसका।
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बासमती का संस्कृत शब्द वस और मायप से मिलकर बना है। इसका मतलब है सुगंध और गहराई। वहीं, मती का मतलब रानी होता है।
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हिमालय की तराई में उगने वाले बासमती की खेती सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में होती है।
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बासमती चावल की पहचान उसकी खुशबू से भी होती है लेकिन मजे की बात ये है कि हर खुशबूदार और लम्बा चावल बासमती नहीं होता है।
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बासमती असली है या नहीं इसकी पहचान के लिए 6.61 मिमी लम्बाई और 2 मिमी मोटाई को स्टैंडर्ड साइज माना जाता है।
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भारत में बासमती 217, बासमती 370, टाइप 3 बासमती (देहरादूनी बासमती), पंजाबी बासमती 1, पूसा बासमती1, कस्तूरी, हरियाणा बासमती 1, माही सुगंध, तराओरी बासमती (करनाल लोकल), रणबीर बासमती, बासमती 386 जैसी कई तरह की वैरायटी मौजूद हैं।
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