Jan 16, 2024
प्रभु श्रीराम और माता सीता ने वनवास में बहुत कठिन समय बिताया है। 14 साल की अवधि में मर्यादा पुरुष्त्तोम के साथ जानकी मां ने भी कई परिक्षाएं दी।
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वनवास से पहले माता सीता का रूप सुंदर वस्त्रों तो आभूषणों से और चमकता था। हालांकि वनवास में उन्होंने गेरुए रंग की साड़ी को खुद से अलग तक नहीं किया।
सीता माता जैसे ही उनकी वनवास वाली साड़ी भी बहुत खास थी। जिसे उन्होंने 14 साल में एक भी बार नहीं बदला।
देवी सीता ने जो साड़ी वनवास के दौरान पहनी थी, उसमें ऐसी चमत्कारी शक्तियां थी कि वो साड़ी न कभी मैली हुई और न ही कभी फटी
बता दें कि माता सीता को गेरुए रंग की खास साड़ी ऋषि अत्रि की पत्नी अनुसूया से तोहफे में मिली थी।
देवी सीता के साथ राम जी और लक्ष्मण जी को भी खास पीले रंग के वस्त्र मिले थे। जो उन्होंने पूरे 14 वर्ष धारण किए थे।
हिंदी धर्म में पीले और गेरुए रंग के कपड़े पहनने का बहुत महत्व है।
साड़ी के साथ इस दौरान माता सीता को कुछ आभूषण तो पत्नी धर्म का उपदेश भी प्राप्त हुआ था।
वनवास से आने के बाद जब माता सीता तपोवन गईं थीं, तब भी ये खास साड़ी उनके साथ ही गई थी।
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