Nov 27, 2022
अक्सर जब बात पिस्टल और रिवॉल्वर की बात आती है तो लोग दोनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन असलियत में ये दोनों अलग-अलग होते हैं। (फोटो- pixabay)
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रिवॉल्वर को पिस्टल का पुराना रूप कहा जाता है। रिवॉल्वर में सिर्फ छह गोलियां आती हैं। इसमें एक गोल सिलेंडरनुमा बॉक्स होता है, जिसमें गोलियां भरी जाती हैं। (फोटो- Pixabay)
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रिवॉल्वर से अलग पिस्टल में 18 गोलियां आ सकती हैं। इसमें सिलेंडरनुमा बॉक्स की जगह मैग्जीन लगती है। जिसमें गोलियों को भरा जाता है। (फोटो- Pixabay)
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रिवाल्वर में एक बार ट्रिगर दबाने पर एक ही गोली फायर की जा सकती। दूसरी गोली फायर करने के लिए दोबारा से ट्रिगर को दबाना पड़ता है। (फोटो- Pixabay)
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पिस्टल सेमी ऑटोमेटिक या ऑटोमेटिक होती है। इसे फायर करना आसान है। एक बार में यह एक साथ कई गोली फायर कर सकती है। (फोटो- pixabay)
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पिस्टल की तुलना में रिवॉल्वर चलाना कठिन है। पुराने सिस्टम होने की वजह से इसमें पिस्टल से ज्यादा तेज झटका लगता है। साथ ही इसके कुछ वर्जन तेजी से फायर करने के लिए भी नहीं बने हैं। (फोटो- Pixabay)
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पिस्टल का उपयोग सेना से लेकर पुलिस तक करती है। इसकी फायरिंग क्षमता को देखते हुए इसे अपराधियों द्वारा भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। (फोटो- Pixabay)
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रिवॉल्वर में पिस्टल की तुलना में नली यानि कि बैरल बड़ा होता है। जबकि पिस्टल की नली छोटी होती है, अधिकतम 10 इंच तक। (फोटो- Pixabay)
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पिस्टल कई मायनों में रिवॉल्वर से बेहतर है, लेकिन एक क्षेत्र ऐसा है, जहां ये रिवॉल्वर से पिछड़ जाती है। मिस फायर के केस में रिवॉल्वर से गोली निकालना आसान है, जबकि पिस्टल से कठिन (फोटो- Pixabay)
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