Aug 9, 2023

दिव्यकीर्ति सरनेम वाले विकास सर कभी बनते थे मुर्ग़ा, स्कूल में यूँ पाते थे कड़ी सज़ा

अभिषेक गुप्ता

दृष्टि IAS कोचिंग वाले विकास सर का दिव्यकीर्ति सरनेम उनकी अपनी पसंद नहीं है।

Credit: टाइम्स नाउ ब्यूरो

यह उन्हें बचपन में परिवार से मिला था। उनके मामा के बच्चे यही सरनेम यूज करते थे।

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विकास सर की फैमिली आर्य समाज को मानती है, जो जाति व्यवस्था को नहीं मानता है।

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बचपन में उन्हें नाम के आगे चक्रवर्ती लगाया गया, पर बंगाल में यह एक कास्ट का नाम है।

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चूंकि, नाम में जाति वाली भावना न आए, इसलिए इसे आगे चलकर बदल दिया गया था।

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डीयू में प्रोफेसर मामा के बच्चों के नाम में तब दिव्यकीर्ति लगता था, वहां से उसे लिया गया।

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वैसे, स्कूल के दिनों में जब सजा मिलनी होती थी तब वह खुद से ही मुर्गा बन जाया करते थे।

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उन्होंने अपनी क्लास में इस किस्से के बारे में बताया था और कहा था- औपचारिकता क्यों करना।

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उन लोगों की तब शीशम की लकड़ी से पिटाई होती थी। टीचर अंगुली में चॉक भी दबाते थे।

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वे कभी हाथ पर चुटकी काटते तो कभी स्केल या फिर डस्टर से मारकर पनिशमेंट देते थे।

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हालांकि, स्कूल में मिली डांट-फटकार और मार पर उन्होंने कहा- अफसोस नहीं है। वो जरूरी भी थी।

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