Dec 13, 2022
BY: प्रशांत श्रीवास्तवचीन ने गलवान हिंसा के करीब ढाई साल बाद फिर से हिमाकत की है, और तवांग इलाके में भारतीय सैनिकों ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है।
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चीन के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने पहले से ही सुखोई-30 MKI विमान तैनात कर रखे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 9 दिसंबर से पहले चीन के ड्रोन को इन्ही सुखोई ने खदेड़ा था।
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सुखोई को दुनिया के 10 सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों माना जाता है। यह 2120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकता है। साथ इसमें मिसाइल, रॉकेट लोड किए जा सकते हैं।
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भारत-चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। चीन मैकमोहन लाइन को मानने से इंकार करता रहा है।
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17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित तवांग की सीमा चीन और भूटान दोनों से मिलती है। ऐसे में रणनीतिक रूप से यह भारत के लिए बेहद अहम है।
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सुखोई एक मिनट में 150 राउंड फायरिंग कर सकता है। इसके अलावा इसमें 4 तरह के रॉकेट, 4 तरह के मिसाइल और 10 बम एक साथ लगाए जा सकते हैं।
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भारत-चीन के बीच साल 1962 के युद्ध में भी अरूणाचल प्रदेश में लड़ाई लड़ी गई थी। उसकी याद में तवांग में एक युद्ध स्मारक बना हुआ है।
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