Oct 25, 2023

नीले गगन में जाएगा अब नीला रॉकेट, बहुत खास है स्काईरूट का विक्रम-1

Alok Rao

​नीले रंग वाले विक्रम-1 रॉकेट की चर्चा​

स्पेस में कीर्तिमान बनाने में स्वदेशी स्टार्टअप भी पीछे नहीं हैं। अब नीले रंग वाले विक्रम-1 रॉकेट की चर्चा होने लगी है।

Credit: SkyrootA

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​निचली कक्षा में ले जाएगा उपग्रह​

विक्रम-1 एक मल्टी स्टेज लॉन्च वेहिकल है और इसकी क्षमता 300 किलोग्राम के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाने की है।

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​स्कॉईरूट का रॉकेट है विक्रम-1

स्टार्ट अप स्कॉईरूट एयरोस्पेस ने मंगलवार को अपने स्वदेश निर्मित विक्रम-1 रॉकेट पेश किया। यह रॉकेट अगले साल उपग्रहों को धरती की निचली कक्षा में पहुंचाएगा।

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इसमें 3डी प्रिंटेड लिक्विड इंजन ​

यह कॉर्बन फाइबर से निर्मित रॉकेट है जो कि कई उपग्रहों को कक्षा में पहुंचा सकता है। इसमें 3डी प्रिंटेड लिक्विड इंजन लगा है।

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जनवरी 2024 की तैयारी

स्काईरूट की योजना 2024 की शुरुआत में इस रॉकेट को छोड़ने की है। इसकी तैयारी की जा रही है।

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​स्काईरूट का दूसरा रॉकेट है विक्रम-1

विक्रम-1 स्टार्टअप स्काईरूट का दूसरा रॉकेट है। इसके पहले पिछले साल 18 नवंबर को वह विक्रम-एस रॉकेट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है।

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पहला स्पेस निजी स्टार्ट अप

इस सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के श्री हरिकोटा लॉन्च पैड से रॉकेट छोड़ने वाला स्काईरूट देश का पहला निजी स्टार्टअप बन गया।

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दो लोगों ने की शुरुआत

स्काईरूट की शुरुआत आईआईटी के दो लोगों पवन चंदना और नगा भारत डाका ने की।

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सस्ते रॉकेट बनाती है स्काईरूट

अब यह कंपनी मांग के अनुरूप कम लागत वाले रॉकेट बनाने की क्षमता हासिल कर चुकी है।

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