Oct 4, 2023

भारत में पनप नहीं पाता मुगल वंश, इब्राहिम लोदी ने अगर किया होता यह काम

Alok Rao

पानीपत में हुई लड़ाई

21 अप्रैल 1526 को दिल्ली के शासक इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच हरियाणा के पानीपत में युद्ध हुआ।

Credit: BCCL

यहां पढ़ें आज की बड़ी खबरें

लोदी के पास थी बड़ी सेना

इस युद्ध में बाबर ने अपने से बड़ी सेना रखने वाले लोदी को हराया। बाबर की सेना में करीब 15 हजार सैनिक थे।

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लोदी की सेना में थे 1 लाख सैनिक

जबकि बाबर की सेना के मुकाबले लोदी की सेना में करीब एक लाख सैनिक, हाथी-घोड़े थे।

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लोदी के पास नहीं था तोपखाना

बाबर ने इस युद्ध में बारूद एवं तोप का इस्तेमाल किया जबकि लोदी के पास इस तरह का तोपखाना नहीं था।

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तोप की आवाज से हाथी बिदक गए

कहते हैं कि बारूद एवं तोप की आवाज से लोदी के हाथी बिगड़ गए और अपनी ही सेना को कुचलने लगे।

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दिमाग से युद्ध लड़ा बाबर

कहा यह भी जाता है कि पानीपत की लड़ाई में बाबर ने जो युद्धनीति अपनाई, वह उसकी जीत का कारण बनी।

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तुलुगमा युद्ध नीति अपनाई​

बाबर ने तुलुगमा युद्ध नीति अपनाई। उसने अपनी सेना को विभिन्न इकाइयों में बांटा था।

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तो बाबर युद्ध हार जाता

इतिहासकार मानते हैं कि लोदी यदि कुछ देर और लड़ाई जारी रखता तो बाबर यह युद्ध हार जाता।

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बाबर के सैनिक थक चुके थे

बाबर के पास रिजर्व में सैनिक नहीं थे और युद्ध लड़ रहे सैनिक थक चुके थे।

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