Jul 31, 2023
अंतरिक्ष मलबा उन कृत्रिम वस्तुओं को कहते हैं जिसका अब स्पेस में कोई इस्तेमाल नहीं बचा है। पुराने उपग्रह एवं रॉकेट के अवशेष पृथ्वी की कक्षा में गुरुत्वाकर्षण की वजह से घूमते रहते हैं।
Credit: BCCL
ये एक-दूसरे से टकराते रहते हैं। पृथ्वी की कक्षा में भेजे जाने वाले उपग्रह वहीं नष्ट हो जाते हैं और छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में पृथ्वी की कक्षा में घूमते रहते हैं।
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नासा के अनुमान के मुताबिक अंतरिक्ष से रोजाना करीब एक मलबा पृथ्वी पर गिरता है। ये मलबा या तो धरती पर गिरता है या वातारवरण में प्रवेश के साथ जल जाता है।
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ये मलबे हमारे वायुमंडल के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं। यदि कोई बड़ा टुकड़ा पूरी तरह नष्ट हुए बिना हमारे वायुमंडल में प्रवेश कर जाए तो यह बड़ा नुकसान कर सकता है।
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रिपोर्टों के मुताबिक अंतरिक्ष में इस समय करीब 2,000 उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। जबकि 3000 उपग्रह ऐसे हैं जो निष्क्रिय हैं और गंदगी फैला रहे हैं।
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अंतरिक्ष में कबाड़ के रीब 34,000 टुकड़े हैं जो आकार में 10 सेंटीमीटर से बड़े हैं। लाखों में ऐसे छोटे टुकड़े भी हैं विनाशकारी साबित हो सकते हैं।
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इसरो ने रविवार सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के डीएसएसएआर उपग्रह सहित सात उपग्रहों के साथ अपने पीएसएलवी-सी56 राकेट का प्रक्षेपण किया।
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अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे का इसरो ने समाधान खोज निकाला है। दरअसल, राकेट के चौथे चरण को 300 किलोमीटर की निचली कक्षा में लाने के प्रयोग में सफलता मिली। इससे कचरा कम होने में मदद मिलेगी।
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