Aug 11, 2023
खुदीराम बोस 15 साल की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेने उतर गए थे। 1906 में खुदीराम बोस अंग्रेजों के खिलाफ पर्चे बांटने लग गए थे।
Credit: commons-wikimedia/BCCL
खुदीराम ने अंग्रेज अफसर के मुंह पर घूंसा मार दिया था। अंग्रेज सिपाहियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
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पहली बार देश के लिए खुदीराम बोस गिरफ्तार हुए। जज ने 15 साल के खुदीराम को 15 कोड़े मारने की सजा सुनाई थी।
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इसके बाद भारतीयों पर अत्याचार करने वाले जज डगलस किंग्सफोर्ड को मारने का प्लान बनाया गया।
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अत्याचारी जज को मारने की जिम्मेदारी खुदीराम बोस और उनके साथियों को दी गई।
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खुदीराम बोस और फ्रफुल्ल चाकी ने एक पार्सल में बम से डगलस को मारने की योजना बनाई थी। लेकिन सफल नहीं हुए।
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मुजफ्फरपुर में दोनों क्रांतिकारियों ने किंग्सफोर्ड की बग्घी के अंदर बम फेंक दिया। लेकिन वह बच गया और एक महिला की मौत हो गई।
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खुदीराम बोस बचने के लिए भागे लेकिन बाद में गिरफ्तार कर लिए गए।
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इस तरह भगत सिंह के पहले खुदीराम बोस को 18 साल की उम्र में 11 अगस्त 1908 को फांसी दे दी गई।
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