अब Venus के रहस्य सुलझाएगा ISRO, जानिए क्या है मिशन शुक्रयान
Amit Mandal
इसरो का बजा डंका
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के साथ ही इसरो का डंका पूरी दुनिया में बज गया है। अब उसकी नजर नए-नए मिशनों पर है।
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दक्षिणी ध्रुव पर ही पानी की संभावना
इसरो का चंद्रयान-3 ने दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की है और वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर चांद पर पानी कहीं मिल सकता है तो वो जगह यही है।
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इसरो की नजर शुक्र ग्रह पर
इसरो की नजर अब अंतरिक्ष के दूसरे ग्रहों पर है। ऐसा ही एक ग्रह है शुक्र यानी वीनस, जो पृथ्वी के सबसे नजदीक मौजूद है। कहा जाता है कि शुक्र ग्रह की स्थिति ऐसी है कि यहां जीवन संभव हो सकता है।
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पीएम ने किया था शुक्रयान मिशन का जिक्र
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के दौरान पीएम मोदी ने अपने भाषण में इसरो के शुक्रयान मिशन का जिक्र किया था।
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वीनस ऑर्बिटर मिशन तैयार
इसरो के वैज्ञानिक शुक्र ग्रह पर रिसर्च करना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने एक वीनस ऑर्बिटर मिशन तैयार किया है।
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2012 में बनी योजना
इसरो इस पर काम साल 2017 से ही शुरू कर चुका है जबकि इसकी योजना साल 2012 में ही बना ली गई थी। इसरो के वैज्ञानिक वीनस ऑर्बिटर मिशन पर काफी समय से काम कर रहे हैं।
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शुक्र ग्रह के रहस्य सुलझाए जाएंगे
इस मिशन के जरिए वैज्ञानिक शुक्र ग्रह के वायुमंडल के रसायन, उसके गतिकी और संरचनात्मक विविधताओं के साथ-साथ सौर विकिरण और सौर पवनों के प्रभावों पर भी रिसर्च करेंगे।
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2026 से 2028 के बीच लॉन्च होगा
इसरो इस मिशन को 2026 से 2028 के बीच लॉन्च कर सकती है। खास बात है कि शुक्र ग्रह के लिए सही लॉन्च विंडो का समय 19 महीने में एक बार आता है।
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