चंद्रयान 3 के लॉंन्चिंग के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत का यह मिशन मून 23 अगस्त को सफल हो जाएगा, क्योंकि इसी दिन चांद की सतह पर चंद्रयान 3 की लैंडिंग होनी है।
बता दें विक्रम लैंडर ही वह हिस्सा है जो चांद की सतह पर लैंड करेगा। फिर इसमें से रोवर निकलेगा, जो चांद की सतह पर घूमकर जानकारी इकट्ठा करेगा।
Credit: canva
रूस का लूना 25 है आगे
Chandrayaan 3 के सफल लॉन्चिंग के कई दिनों के बाद रूस ने भी अपना यान चांद की तरफ भेजा है, जिसके चंद्रयान 3 से पहले पहुंचने की संभावना है। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस से काफी एडवांस रॉकेट व टेक्निक का प्रयोग किया है।
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दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहले देश
बता दें, रूस यान भी भारत की तरह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला है, जो भी ऐसा पहले करेगा वह चांद्र के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश होगा।
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चंद्रयान-3 का वजन
चंद्रयान-3 का वजन 3,900 किलोग्राम के आसपास है, इसमें एक रोवर भी लगा है, जो कि 500 मीटर तक घूम सकता है। यह मिट्टी के साथ-साथ पानी-बर्फ का अध्ययन भी करेगा।
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