Amit Mandal
Dec 18, 2023
दाऊद इब्राहीम मुंबई पुलिस के एक ईमानदार सिपाही का बेटा है जो शहर के डोंगरी इलाके में पला बढ़ा और यहीं से अपने अपराध के साम्राज्य की नींव रखी।
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1980 के दशक में दाऊद मुबंई में अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए हाजी मस्तान गैंग ज्वाइन कर ली। कुछ समय बाद ही दाऊद अपने कुछ साथियों के साथ इस गैंग से अलग हो गया।
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तब दाऊद ने मुट्ठी भर साथियों के दम पर पठान गैंग और हाजी गैंग से टक्कर ली। खास तौर पर वह पठान गैंग पर कहर बनकर टूटा।
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करीम लाला के पठान गैंग से जुड़े ज्यादातर गुर्गे अफगानिस्तान के प्रवासी थे और मुंबई पर अपनी पकड़ नहीं खोना चाहते थे।
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इससे दाऊद और ताकतवर हो गया और मुंबई में लोग दाऊद के नाम से खौफ खाने लगे। उसने पुलिस में भी अपने भेदिये बना लिए।
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गैंगवार में पठान गैंग ने दाऊद के भाई का कत्ल कर दिया। इसके बाद दाऊद ने पठान गैंग से बदला लेना शुरू किया, इससे मुंबई में भयानक खूनी गैंगवार शुरू हुआ।
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करीम लाला और हाजी मस्तान कमजोर पड़ते गए। हाजी राजनीति में जुड़ गया और दाऊद अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह बन गया।
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1980 के दशक में दाऊद ने संगठित अपराध को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया, जिसे मीडिया ने डी कंपनी नाम दे दिया।
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80 के दशक में हत्या के एक मामले में दाऊद की गिरफ्तारी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही वह दुबई फरार हो गया और मुंबई धमाकों के बाद पाकिस्तान भाग गया।
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दाऊद की डी-कंपनी जबरन उगाही, सुपारी किलिंग, हथियार तस्करी, ड्रग तस्करी में शामिल हो गई। 1992 में मुंबई धमाकों बाद में आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गई।
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